Baghpat : बागपत कोर्ट सख्त, बीएनएस धाराओं पर ट्रायल शुरू – पूर्व जेलर पर बढ़ी कानूनी मुसीबत

  • महिला डिप्टी जेलर से छेड़छाड़ मामला—6 नवंबर को आरोपी पूर्व जेलर होंगे कोर्ट में पेश
  • बदसुलूकी के गंभीर आरोप, बागपत न्यायालय ने लिया संज्ञान—ट्रायल बनेगा नज़ीर!

Baghpat : जिला कारागार में तैनाती के दौरान महिला डिप्टी जेलर से छेड़छाड़, बदसलूकी और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोपों में फंसे बागपत जेल के पूर्व जेलर जितेंद्र कश्यप पर न्यायालय की शिकंजा कसना शुरू हो गया है। बागपत सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74 और 115(2) का संज्ञान लेते हुए ट्रायल की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 6 नवंबर तय की है। साथ ही, आरोपी पूर्व जेलर जितेंद्र कश्यप—जो वर्तमान में मैनपुरी जेल में जेलर के पद पर तैनात हैं—को निर्धारित तिथि पर अदालत में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया गया है।

पीड़ित महिला अधिकारी का आरोप है कि बागपत जेल में पदस्थापना के दौरान जेलर द्वारा लगातार छेड़छाड़, कार्यस्थल पर उत्पीड़न और मानसिक दबाव डाला गया, जिससे उनका कार्य वातावरण असुरक्षित हो गया। शिकायत और विभागीय पत्राचार के बावजूद मामला महीनों तक लंबित रहा, लेकिन अब न्यायपालिका द्वारा सीधे ट्रायल शुरू किए जाने से प्रकरण ने नया मोड़ ले लिया है। अदालत की अगली सुनवाई में दोनों पक्षों के बयान, दस्तावेज़ी साक्ष्य और गवाही दर्ज की जाएंगी। न्यायिक सूत्रों के अनुसार यह मामला न केवल एक महिला अधिकारी के गरिमा और सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि कारागार प्रशासन में अनुशासन और जवाबदेही की कसौटी भी साबित होगा।

न्यायिक प्रक्रिया की यह शुरुआत महिला अधिकारियों के सम्मान और कार्यस्थल सुरक्षा के लिए एक अहम कदम मानी जा रही है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आगामी सुनवाई में अदालत क्या रुख अपनाती है और यह मामला भविष्य में कितनी बड़ी नज़ीर बन पाएगा।

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