
- छात्रा को 10 साल बाद जगी आस, कॉलेज प्रबंधक प्रवेन्द धामा समेत तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज
- छात्र ने लिया न्यायालय का सहारा 10 साल बाद हुआ कॉलेज प्रबंधक प्रवेन्द धामा सहित तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज
- छात्रा शादी होने के बाद भी लड़ती रहीं कॉलेज प्रबंधक प्रवेन्द धामा से कानूनी लड़ाई
बागपत। मां-बाप अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपने जीवन भर की कमाई लगा देते है जिससे की वह अपने बच्चों को कामयाब होता देख सकें। लेकिन बागपत में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर एक गरीब मां-बाप ने अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए जीवन भर की कमाई तो लगा दी लेकिन उस समय मां-बाप की जीवन भर की कमाई पर पानी फिर गया जब वह स्कूल में बीकॉम की मार्कशीट लेने पहुंचे।
दरअसल पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत के श्री विनायक कॉलेज आफ एजुकेशन मवींकला से जुड़ा हुआ है। बागपत शहर की इन्दा गली कोर्ट रोड़ की रहने वाली छात्रा आस्था पुत्री विश्वदीप ने वर्ष 2012 में सीनियर सेकन्ड्री स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा उत्र्तीण करने के पश्चात श्री विनायक कॉलेज आफ एजुकेशन मवींकला बागपत में बी काम में स्नातक हेतु वर्ष 2012-15 के लिये नामांकन कराया, श्री विनायक कॉलेज आफ एजुकेशन, मवीकलां बागपत चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ से मान्यता प्राप्त है। छात्रा आस्था द्वारा शैक्षिक सत्र की सम्पूर्ण धनराशि श्री विनायक कॉलेज आफ एजुकेशन मवीकलां में जमा कर दी थी। छात्रा को तीनो सत्र के लिये प्रोविजनल एडमिट कार्ड व रोल नम्बर उपलब्ध कराये गये थे।

पीड़ित छात्रा का प्रथम वर्ष का रोल नम्बर C2050098 व द्वितीय वर्ष का रोल नम्बर C2054004 व तृतीय वर्ष का रोल नम्बर RC2051537848 है। प्रार्थिनी ने तीन वर्षों की परीक्षा में सम्मिलित होकर परीक्षा दी तथा छात्रा को तीनो वर्षों के परीक्षा परिणाम की छाया प्रति विश विद्यालय की बेवसाईट से डाउन लोड उपलब्ध कराया गया और उक्त अंव तालिका के आधार पर प्रार्थिनी ने एमए के पाठ्यकम वर्ष 2018-2020 हेतु अपन नामांकन प्राईवेट से कराया और प्रार्थिनी को प्रथम वर्ष में महात्मा गांधी मैमोरिय डिग्री कालिज ढिकौली आवंटित हुआ और द्वितीय वर्ष में परीक्षा के लिए सम्राट पृथ्वीराज चौहान डिग्री कॉलेज बागपत का सेन्टर आवंटित हुआ। उसके बाद छात्रा द्वारा बी टी सी करने का निर्णय लिया और प्रार्थिनी ने ग्लोबल कॉलेज आँफ गौरीपुर मीतली में प्रवेश लिया।
छात्रा द्वारा प्रथम वर्ष व द्विर्त वर्ष की परीक्षा में उपस्थिति उसके पश्चात छात्रा द्वारा श्री विनायक कॉलेज आफ एजुकेशन मवींकला के प्रबन्धक प्रवेन्द्र धामा व मैनेजर व प्राचार्य से स्नातक की प्रोविजनल डिग्री/ मूल डिग्री की मांग की गयी तो छात्रों को प्रबन्धक व मैनेजर द्वारा आज कल आज कल कहा गया और कभी यह कहा गया कि कोविड चल रहा है अभी कोविड के कारण कुछ भी विश्वविद्यालय से प्रपत्र नहीं निकल पा रहे है। इस तरह से छात्रा आस्था के कई वर्ष निकल गये। छात्रा व उसके पिता ने ज़ब सख्ती से मार्कशीट व डिग्री की मांग को तो उनके द्वारा अभद्र व्यवहार किया और कॉलेज परिसर के गेट से बाहर निकलवा दिया गया।
छात्रा के पिता व भाई द्वारा विश्वविद्यालय में जाकर जानकारी प्राप्त की गयी तो जानकारी हुई छात्रा को आवटित रोल नम्बर सोहित कुमार पुत्र भवानी वर्मा का नाम दर्ज और विश्वविद्यालय द्वारा उक्त सोहित कुमार को उक्त मार्कशीट व डिग्री दें दी गईं है।इसकी शिकायत कई बार पुलिस से बिकी गई लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की जिसके चलते पीड़ित छात्र ने न्यायालय का सहारा लिया और आखिरकार 10 साल बाद कॉलेज प्रबंधक प्रवेन्द धामा सहित तीन लोगों पर बागपत कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।
छात्र आस्था ने बताया कि श्री विनायक कॉलेज आफ एजुकेशन मवींकला ने मुझे तीनो सत्र के लिये प्रोविजनल एडमिट कार्ड व रोल नम्बर उपलब्ध कराएं लेकिन इस सब जाल साजी का पता तब चला ज़ब हम चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ पहुंचे वहां मुझे जो आवटित रोल नम्बर दिया हुआ था वो सोहित कुमार पुत्र भवानी वर्मा के नाम दर्ज था और विश्वविद्यालय द्वारा उक्त सोहित कुमार को उक्त मार्कशीट व डिग्री भी दें दी थी।
छात्रा के भाई मनु उर्फ पिर्य दीप सिंह ने बताया की बहन आस्था की शादी हों चुकी है लगातार हम दस साल से कार्रवाई की मांग करते चले आ रहे थे लेकिन कॉलेज पर कार्रवाई नहीं हों रहीं थी तो हमने न्यायालय का सहारा लिया उसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया है।