बेबी रानी मौर्य : बच्चे ही भविष्य की पूंजी… इन पर आज के निवेश से विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त होगा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि बच्चे ही भविष्य की पूंजी हैं। इन पर आज के निवेश से विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त होगा। यह बात उन्होंने लखनऊ के योजना भवन में आयोजित ईसीसीई, पोषण एवं माताबाल देखभाल विषय पर एक राज्य स्तरीय परामर्श बैठक में कही।


कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य द्वारा किया गया। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रतिभा शुक्ला विशिष्ट अतिथि तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की प्रमुख सचिव लीना जोहरी एवं सचिव बी. चंद्रकला तथा शिक्षा विभाग की महानिदेशक कंचन वर्मा उपस्थित थे। इस बैठक में प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े। जिससे इस बैठक के उद्देश्य ECCE, पोषण एवं माता-बाल देखभाल” विषय पर विभिन्न जनपदों से प्राप्त जमीनी अनुभवों, सुझावों एवं नवाचारों को एकत्र कर उनके आधार पर उत्तर प्रदेश की ओर से राष्ट्रीय मंच पर एक बेहतर नीति का निर्माण प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया जा सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मंत्री द्वारा बच्चों के बौधिक विकास पर बल देते हुए कहा गया की “बच्चे ही भविष्य की पूंजी है”।

इन पर आज के निवेश से विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त होगा। मंत्री द्वारा निर्देश प्रदान किया गया की बच्चों के सर्वागीण विकास के लिये आंगनवाड़ी केन्द्रों पर नियमित रूप से 3 घंटे की निर्धारित ECCE गतिविधि प्री-स्कूल किट का प्रयोग करते हुए की जाये। राज्य मंत्री द्वारा ECCE प्रभावी क्रियान्वन हेतु आंगनवाडी की क्षमतावर्धन के लिये “पोषण भी पढाई भी ” का प्रशिक्षण शत प्रतिशत यथा शीघ्र पूर्ण करवाने के निर्देश प्रदान किये गये। प्रमुख सचिव द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों के अवस्थापना सुविधा यथा पेयजल शोचालय एवं विधुतीकरण कराये जाने हेतु आधिकारियों को निर्देशित किया गया जिस से बच्चों को बेहतर शाला आधारित वातावरण में गतिविधियों करते हुए बच्चो को अंक, अक्षर, आकार आदि की बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सके।


इस बैठक राज्य स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त तथा सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य गैर-सरकारी संस्थाओं यथा राकेट लर्निंग, यूनिसेफ, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन आदि के प्रतिनिधि भौतिक रूप से बैठक में सम्मिलित हुए। सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े अनुभव साझा किए। यूनिसेफ के शिक्षा विशेषज्ञ ऋत्विक पात्रा द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर विकलांग बच्चो की पहचान और ख़ुशी की चौपाल नियमित रूप से आयोजित किये जाने पर बल दिया गया । राकेट लर्निंग की शुखना द्वारा अवगत कराया गया की राकेट लर्निंग ने बच्चों की कोगनेटिव विकास हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार को “आधारशिला” को विकसित करने में सहयोग प्रदान किया है। आधारशिला बच्चों को विभिन्न गतिविधियों का संग्रह है जिस से बच्चो का बौधिक विकास होगा तथा निपुण लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होगा।


आगामी पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिए बाल्यावस्था में निवेश, आंगनवाड़ी केंद्रों का सशक्तिकरण तथा पोषण एवं देखभाल सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार अत्यंत आवश्यक है। बैठक में प्राप्त सुझावों, अनुभवों और अनुशंसाओं का संकलन कर एक समेकित रिपोर्ट भारत सरकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को प्रेषित की जाएगी, जो नवंबर 2025 में आयोजित होने वाले 5वें राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की प्रस्तुति का आधार बनेगी।

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