
- डॉक्टर आंबेडकर ने शिक्षा को शस्त्र बनाया : प्रमुख सचिव
लखनऊ । संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने आज लखनऊ स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर मेमोरियल स्थल पर डॉ. आंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ कार्यक्रम में बाबा साहेब को नमन किया।
संस्कृति विभाग उप्र. एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बाबा साहेब केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक युगद्रष्टा और एक सशक्त विचारधारा हैं, जिन्होंने सदियों से वंचित, शोषित, दलित और महिलाओं के अधिकारों की आवाज को बुलंद किया। उनका जीवन सामाजिक न्याय, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों की मिसाल है। इससे पूर्व संस्कृति मंत्री ने बाबा साहेब के जीवन संघर्षों पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
जयवीर सिंह ने कहा कि बाबा साहेब ने विश्व भर के संविधानों का अध्ययन करने के बाद विश्व का सबसे बेहतरीन संविधान हिंदुस्तान को दिया। भाजपा की सरकार ने बाबा साहेब की विरासत को सम्मान देने के लिए पंच तीर्थ का विकास किया। माननीय मोदी और योगी की सरकार ने समाज के दबे-कुचले, शोषित लोगों के लिए तमाम योजनाएं लागू की। उन्होंनेस्टेट गेस्ट हाउस कांड का जिक्र कर पूर्व की सपा सरकार को भी घेरा।

जयवीर सिंह ने कहा कि बाबा साहेब ने भारत को जो संविधान दिया, वह केवल कानून की पुस्तक नहीं, बल्कि समानता, स्वतंत्रता और न्याय का जीता-जागता प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का संघर्ष आज भी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो सामाजिक बदलाव की दिशा में कार्यरत है।
पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बाबा साहेब के संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा को अपना शस्त्र बनाया। अगर आप शिक्षा को शस्त्र बना लेते हैं तो कोई आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता। उन्होंने बताया कि आज संस्कृति विभाग की ओर से प्रदेश के सभी 75 जिलों में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के विशेष सचिव रविंद्र कुमार, अपर निदेशक सृष्टि धवन, सहायक निदेशक रेनू भारती, तुहिन द्विवेदी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए लोक कलाकारों द्वारा लोकगीत, बिरहा, नृत्य-नाटिकाएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।
संस्थानों में मनाई गई डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती
भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर लखनऊ में विभिन्न संस्थानों द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। राज्य संग्रहालय में निदेशक डॉ. सृष्टि धवन की अगुवाई में लोक कला संग्रहालय के कार्मिकों द्वारा आंबेडकर को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर राज्य संग्रहालय लखनऊ द्वारा बाबा साहब पर आधारित अस्थाई प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया एवं उनके कृतित्व पर परिचर्चा की गई।
राज्य ललित कला अकादमी में निदेशक डॉ. श्रद्धा शुक्ला द्वारा बाबा साहब के योगदान पर प्रकाश डाला गया। वहीं, राज्य पुरातत्व विभाग में निदेशक रेनू द्विवेदी की उपस्थिति में पुष्पांजलि एवं परिचर्चा आयोजित की गई। अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान एवं एसबीएम इंटर कॉलेज द्वारा ‘न्याय, समता और सामाजिक सुधार’ विषय पर संगोष्ठी के साथ ही चित्रकला और निबंध प्रतियोगिता भी संपन्न हुई। विभिन्न वक्ताओं ने बाबा साहब के सामाजिक न्याय, समता और राष्ट्र निर्माण में योगदान को रेखांकित किया।