
Seema Pal
Ram Mandir Attacker Abdul Rehman : उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में विश्व विख्यात राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही चर्चा में बना हुआ है। लगातार राम मंदिर बड़े आतंकी हमले के निशाने पर बना हुआ है। राम मंदिर पर ग्रेनेड हमले की साजिश रचने वाले आतंकी अब्दुल रहमान को पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। अब अब्दुल रहमान से आगे की पूछताछ के लिए यूपी एटीएस की टीम फरीदाबाद जाएगी।
बताया जा रहा है कि अब्दुल रहमान का लक्ष्य राम मंदिर था, वह मंदिर पर हैंड ग्रेनेड हमला करने की साजिश रच रहा था। हाल ही में उसने राम मंदिर की रेकी भी की थी। वह राम मंदिर में हमले करने की योजना की तैयारी कर रहा था। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि अब्दुल का कनेक्शन पाकिस्तान के आतंकी संगठन आईएसआई से जुड़ा है। उसके संबंध कट्टरपंथियों से भी जुड़े हैं।
सोमवार को गुजरात एटीएस ने अब्दुल रहमान को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है। गुजरात एटीएस को अब्दुल के पास से दो हैंड ग्रेनेड भी मिले हैं। गिरफ्तारी के पहले वह फरीदाबाद छोड़ने वाला था, तभी गुजरात एटीएस को ने उसे पकड़ लिया। अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस भी फरीदाबाद के लिए रवाना हो गई है।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद से ही आईएसआई आतंकी साजिशों को अंजाम देने की कोशिश कर चुकी है। सुरक्षा एजेंसियों ने आगे कहा कि आईएसआई ने अब्दुल रहमान को इसी साजिश का हिस्सा बनाया था। जानकारी में आगे बताया गया कि अब्दुल ने राम मंदिर की सुरक्षा से जुड़ी सभी जानकारियों को ISI से साझा की थी। उसका उद्देश्य हैंड ग्रेनेड हमला कर राम मंदिर को नुकसान पहुंचाना था।
अब्दुल रहमान को फैजाबाद से फरीदाबाद पहुंचने पर उसके हैंडलर ने ग्रेनेड दिए थे। इसके बाद वह फरीदाबाद से अयोध्या जाकर राम मंदिर में हमला करने वाला था। लेकिन गुजरात एटीएस को पहले ही उसके मंसूबे का अंदाजा लग चुका था और उसे गिरफ्तार कर लिया।
कौन है आतंकी अब्दुल रहमान ?
फरीदाबाद में गिरफ्तार आतंकी अब्दुल रहमान की उम्र महज 19 साल है। वह मूल रूप से अयोध्या का रहने वाला है। उसका घर राम मंदिर से सिर्फ 36 किलोमीटर दूर है। अब्दुल रहमान काफी वक्त से गुजरात ATS की रडार पर था और लगातार उसके मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी। पिछले करीब 6 महीने से अब्दुल का व्यवहार बदल गया था। वह दिन में ई-रिक्शा चलाता और शाम को गांव के 4-5 लड़कों के साथ घूमता रहता था। अब्दुल हाईस्कूल तक पढ़ा हुआ है और पिछले 5 साल से ई-रिक्शा चलाने का काम काम करता था। वह अयोध्या के कुचेरा बाजार से किन्हूपुर तक ई-रिक्शा चलाता था।
कैसे रची थी राम मंदिर में हमले की साजिश
अब गुजरात एटीएस ये पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर अब्दुल रहमान आतंकी ग्रुप के संपर्क में कैसे आया। पिछले साल 5 महीने तक अलग-अलग मरकज में रहने के दौरान वह किस किस से मिला और इस साजिश में उसके साथ कौन-कौन शामिल है। इसके साथ ही सवाल यह उठ रहा है कि अब्दुल रहमान को आखिर आतंक की ये खतरनाक ट्रेनिंग कहां से मिली? मंदिर पर हमले की साजिश कहां रची गई?
इन सवालों के जवाब खुद आतंकी अब्दुल रहमान ने दिए। पूछताछ में अब्दुल रहमान ने एक-एक चीज उगल दी। ब्दुल रहमान ने बताया है कि वह 10 महीने पहले ISI के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस मॉड्यूल से जुड़ा था। आतंकियों ने उसे ऑनलाइन ट्रेनिंग दी थी और वह दहशत फैलाने का पाठ वीडियो कॉलिंग के जरिए सीखता था। वह मिल्कीपुर में अपनी दुकान पर बैठकर ही आतंक की ट्रेनिंग ले रहा था। पूछताछ में पता चला कि ट्रेनिंग के दौरान अब्दुल रहमान को कई टास्क भी दिए गए। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस मॉड्यूल में अब्दुल रहमान के अलावा और लोग भी शामिल हो सकते हैं।