
- मोबाइल एप से जोड़े लगभग 30 लाख निवेशक
- हजरों निवेशक राजधानी लखनऊ व अयोध्या के
अयोध्या। मोबाइल एप पर निवेश कराकर भारी भरकम रकम वापसी का भरोसा दिलाकर LIT कंपनी ने अपने निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगकर मोबाइल पर LIT एप को बंद कर दिया, जिससे लाखों निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये पानी में चले गए।
बताते चलें, कंपनी LIT एप के नाम से मोबाइल पर संचालित होती थी। कंपनी ने LIT ऑफिसियल नाम के कई ग्रुप बना रखे थे, जिसके माध्यम से अपने निवेशकों को कंपनी की आकर्षक स्कीम का भरोसा दिलाकर भरपूर निवेश कराती थी। निवेश की राशि 2000 रुपये से लेकर 60 लाख रुपये तक निर्धारित की गई थी। निवेशक अपनी हैसियत के आधार पर कंपनी द्वारा दिए जाने वाले बारकोड पर स्कैन कर पैसा ट्रांसफर कर देते थे, जिसकी सूचना निवेशकों को उनके LIT अकाउंट में मिल जाती थी।
कंपनी अपने ग्रुप के सदस्यों से दावा करती थी कि जमा की गई धन राशि के आधार पर, उसे प्रतिदिन एक फिक्स अमाउंट रोजाना एक साल तक उसके मोबाइल पर खुले गए LIT अकाउंट में आएगा। मतलब, एक बार के निवेश पर एक साल तक प्रतिदिन एक फिक्स अमाउंट निवेशकों के LIT अकाउंट में आएगा। जिसकी निकासी विभिन्न श्रेणी के निवेशक सप्ताह में निर्धारित अलग-अलग दिनों में एक बार कर सकते थे।
निवेशकों में पैसे डूबने की शंका तब सताने लगी, जब पिछले सप्ताह कंपनी ने यह बताकर पैसे निवेशकों के बैंक अकाउंट में उनके निर्धारित दिन पर नहीं ट्रांसफर किए कि कंपनी 30 लाख कर्मचारी पूरा होने की खुशी में इवेंट कर रही है, जिसमें कर्मचारियों की व्यस्तता के चलते निवेशकों का धन उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर नहीं किया जा सका। निवेशक अब अगले सप्ताह में आने वाले अपने निकासी दिन का इंतजार करने लगे। परंतु, अगले सप्ताह कंपनी द्वारा फिर अपने प्लान बदलने की सूचना ग्रुप में सदस्यों को दी गई कि कंपनी का मौजूदा प्लान अब बदल दिया गया है।
साथ ही, अब कंपनी के मेंबर्स अब प्रतिदिन दूगुना राशि कंपनी से अपने LIT अकाउंट में प्राप्त करेंगें तथा अपने LIT अकाउंट से अब मनचाही धनराशि का आहरण कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपने LIT अकाउंट को अपनी निवेश की गई राशि के अनुसार ऑनलाइन कर पेमेंट रिचार्ज करना होगा। इस पर निवेशकों द्वारा अपने-अपने LIT अकाउंट को रिचार्ज भी किया गया। रिचार्ज करने के बाद, निवेशकों को यह भरोसा दिलाया गया कि रात्रि 11 बजे के पहले उसी दिन पैसा निवेशकों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा। जिसकी लालच में पढ़कर निवेशकों ने भारी भरकम रकम देकर अपने-अपने LIT अकाउंट को पुनः रिचार्ज कर दिया।
परंतु, निवेशक सकते में तब आएं जब कंपनी द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद भी पैसे रात्रि 11 बजे तक उनके बैंक अकाउंट में क्रेडिट नहीं हुए।
निवेशक कुछ समझ पाते, उसके अगले दिन निवेशकों को ग्रुप पर अपने-अपने निकासी धन के आधार पर 5% अतिरिक्त शुल्क पुनः कंपनी द्वारा दिए गए बारकोड पर स्कैन कर जमा करना होगा। बस, यहीं से निवेशकों में नाराजगी, आक्रोश, और अविश्वनीयता बढ़ी। अधिकतर निवेशकों द्वारा उस दिन कंपनी में रिचार्ज नहीं किया गया। जिसके कुछ घंटों बाद, कंपनी के LIT ग्रुप को निवेशकों के लिए बंद कर दिया गया, और दिए गए व्यक्तिगत नंबर पर भी चैट बंद हो गई। तब, निवेशकों को किसी बड़े फ्रॉड का एहसास हुआ।
जगह-जगह LIT के खिलाफ साइबर थाने में निवेशकों द्वारा शिकायत दर्ज कराना शुरू हो गया है।
बताते चलें, न केवल अयोध्या, बल्कि राजधानी लखनऊ सहित देश के कोने-कोने से निवेशकों ने प्रलोभन में आकर LIT में निवेश किया था। अब, निवेशकों की मांग है कि इस ठग गैंग का पता लगाकर सरकार व प्रशासन इस पर कार्यवाही करे। कंपनी द्वारा प्रलोभन के झांसे में न फंसे।
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