
Ayodhya : अयोध्या का राम जन्मभूमि मंदिर एक बार फिर इतिहास रच रहा है। अभिजीत मुहूर्त (सुबह 11:58 से 12:30 बजे) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के 161 फीट ऊँचे मुख्य शिखर पर केसरिया धर्म ध्वज फहराया। यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक है, जो 500 वर्षों की आस्था, संघर्ष और सनातन संस्कृति की विजय का संदेश देता है। समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और लगभग 7,000-7,500 गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
ध्वजारोहण से पहले पीएम मोदी और डॉ. भागवत ने राम दरबार गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रामलला की पूजा की। इसके बाद सप्तऋषि मंदिर (महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र आदि) और माता अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन-पूजन किया गया। पीएम मोदी ने उपवास भी रखा, जो प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की याद दिलाता है।
डॉ. मोहन भागवत ने कहा- आज हम सबके लिए सार्थकता का दिन
आरएसएस सरसंघचालक डॉ. भागवत ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “आज हम सबके लिए सार्थकता का दिन है“। उन्होंने ध्वजारोहण को सनातन धर्म की अमरता, सत्य की विजय और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतीक बताया। भागवत जी ने जोर देकर कहा कि यह केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि उस आत्मबल का उद्घोष है जो अधर्म के अंधकार को चीरकर धर्म के प्रकाश को अक्षुण्ण रखता है। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में संघ परिवार की भूमिका का उल्लेख किया और पीएम मोदी के नेतृत्व में ‘राम राज्य’ की स्थापना पर संतोष व्यक्त किया। उनका यह उद्गार भक्तों के बीच गूंजा, जो जय श्री राम के नारों से मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया।
पीएम मोदी ने कहा- सदियों के सपनों का साकार रूप
ध्वजारोहण के तुरंत बाद मुख्य मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन शुरू हो गया। उन्होंने कहा, “ये ध्वज सदियों के सपने के साकार होने का प्रतीक है”। पीएम ने ध्वज को सत्य, धैर्य और धर्म की विजय का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह राम जन्मभूमि आंदोलन की अमर गाथा का प्रमाण है। उन्होंने अयोध्या के विकास, पर्यावरण संरक्षण (कोविदार वृक्ष के माध्यम से) और वैश्विक रामभक्ति पर जोर दिया। संबोधन में पीएम ने युवाओं से राम राज्य के मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया, और कहा कि यह मंदिर न केवल भारत, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत है। संबोधन के दौरान भक्तों ने तालियों और जयकारों से उनका स्वागत किया।
यह समारोह प्राण-प्रतिष्ठा (22 जनवरी 2024) के बाद राम मंदिर का एक और मील का पत्थर है। सीएम योगी ने इसे “आस्था, सभ्यता और मानवता के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय” बताया। विश्वभर से लाखों भक्त लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए जुड़े, जबकि अयोध्या में विशेष ट्रेनें और चार्टर्ड फ्लाइट्स से श्रद्धालु पहुँचे।
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