
लखनऊ। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात की अध्यक्षता में कल 17 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की बैठक पर्यटन भवन में संपन्न हुई। इस बैठक में संस्थान की प्रगति, अधोसंरचना विस्तार एवं शोध गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण को लेकर गंभीर विचार मंथन किया गया। बैठक में नवीन कार्यालय हेतु उपयुक्त भूमि के चयन के लिए प्रस्तुत संभावित स्थलों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया, जिनमें परिवहन, सुरक्षा, तकनीकी सुविधाओं और दीर्घकालिक विकास की संभावनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया।
इस बैठक में रामायण, वेद, उपनिषद एवं भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित शोध कार्यों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से गति देने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी, पाण्डुलिपि संरक्षण प्रयोगशाला, ऑडियो-विजुअल शोध स्टूडियो तथा अंतरराष्ट्रीय शोध सहयोग कार्यक्रमों की स्थापना पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक उन्नयन में माननीय संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह का विशेष प्रोत्साहन एवं ध्यान रहता है विभाग इसी संकल्पना को साकार कर रहा है। इस दौरान संस्थान में आवश्यक स्टाफ की नियुक्तियों के लिए अधियाचन भेजने का निर्देश भी दिया।










