Ayodhya : बृहस्पति कुंड का भव्य लोकार्पण, CM योगी-वित्त मंत्री ने की संतों की प्रतिमा अनावरण

Ayodhya : रामनगरी अयोध्या बुधवार को एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक उत्सव के साक्षी बनी, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टेढ़ी बाजार चौराहे पर स्थित प्राचीन बृहस्पति कुंड का औपचारिक लोकार्पण किया। इस अवसर पर दक्षिण भारत के तीन महान भक्त संगीतज्ञों संत पुरंदर दास, श्री त्यागराज और श्री अरुणाचल कवि की भव्य प्रतिमाओं का अनावरण भी हुआ। यह कार्यक्रम उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत को जोड़ने का प्रतीक बन गया, जहां भक्ति, संगीत और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम देखने को मिला।

बृहस्पति कुंड: पौराणिक महत्व और नवीनीकरण

अयोध्या के 108 पौराणिक कुंडों में से एक बृहस्पति कुंड का इतिहास वेदों, पुराणों और उपनिषदों से जुड़ा है। यह कुंड भगवान राम की लीलाओं से प्रेरित स्थलों में शुमार है और दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं की आस्था का विशेष केंद्र रहा है। हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराए गए नवीनीकरण कार्य के बाद यह कुंड अब आधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें सुंदर उद्यान, सीढ़ियां और सांस्कृतिक प्रदर्शनी स्थल शामिल हैं। लोकार्पण के दौरान सीएम योगी ने कहा, “यह कुंड न केवल अयोध्या की धरोहर को संरक्षित करता है, बल्कि पूरे भारत की एकता को मजबूत बनाता है। दक्षिण के संतों की स्मृति यहां स्थापित करना राम की भक्ति की सार्वभौमिकता का प्रमाण है।”

कुंड परिसर में स्थापित प्रतिमाएं दक्षिण भारतीय शास्त्रीय संगीत की नींव रखने वाले इन संतों को समर्पित हैं:

  • संत पुरंदर दास (1484-1564): कर्नाटक के ‘कार्नाटिक संगीत के पितामह’ के रूप में विख्यात, उन्होंने हजारों भक्ति गीत रचे जो विष्णु भक्ति से ओतप्रोत हैं। वे नारद मुनि के अवतार माने जाते हैं।
  • श्री त्यागराज (1767-1847): तिरुपति के निकट पैदा हुए इस संत ने राम भक्ति पर आधारित 700 से अधिक कृतियां दीं, जो आज भी कार्नाटिक संगीत की धुरी हैं।
  • श्री अरुणाचल कवि (1711-1779): तमिलनाडु के त्रावणकोर राजघराने से जुड़े इस कवि-संत ने शिव भक्ति के गीतों से द्रविड़ साहित्य को समृद्ध किया।

इन प्रतिमाओं का अनावरण करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ये मूर्तियां भारत की संगीतमय और भक्ति परंपरा का प्रतीक हैं। अयोध्या में इनकी स्थापना उत्तर-दक्षिण के सांस्कृतिक सेतु को मजबूत करती है, जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करती है।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और राम मंदिर दर्शन

लोकार्पण के बाद दक्षिण भारत से आए कलाकारों ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसमें कार्नाटिक संगीत, भरतनाट्यम और भक्ति भजनों का मिश्रण था। यह प्रदर्शन अयोध्या की राम भक्ति परंपरा और दक्षिण की शास्त्रीय कला का सुंदर संगम था। कार्यक्रम राम मंदिर परिसर के यात्री सुविधा केंद्र में आयोजित हुआ, जहां पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा और सजावट की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

इसके अलावा, सीएम योगी और वित्त मंत्री सीतारमण ने राम मंदिर में दर्शन-पूजन किया। वित्त मंत्री का अयोध्या आगमन दो दिवसीय यात्रा का हिस्सा है, जहां उन्होंने महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के स्वागत में पहुंचे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में यह स्वागत भव्य रहा।

निषादराज चौराहा: टेढ़ी बाजार का नया नाम और प्रतिमा अनावरण

कार्यक्रम की एक और महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में टेढ़ी बाजार चौराहे का नाम बदलकर ‘निषादराज चौराहा’ किया गया। रामायण में निषादराज गुहा भगवान राम के परम भक्त और नाविक की स्मृति में यहां उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। इसका अनावरण भी सीएम योगी ने किया, जो राम की वनवास यात्रा में निषादराज की भूमिका को रेखांकित करता है। यह कदम अयोध्या के सांस्कृतिक और सामाजिक एकीकरण को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है।

व्यापक प्रभाव और भविष्य की योजनाएं

यह आयोजन अयोध्या को वैश्विक पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से अयोध्या में लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, और ऐसे कार्यक्रम दक्षिण भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। प्रशासन ने सफाई, ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

अयोध्या के डीएम निखिल टिकराम फंडे ने बताया, ये परियोजनाएं रामनगरी को और अधिक जीवंत बनाएंगी। हम सभी से अपील करते हैं कि शहर को स्वच्छ और सुंदर रखें। यह समाचार लगातार अपडेट किया जा रहा है। ताजा जानकारी के लिए जुड़े रहें।

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