
भारत ने जब आतंकवाद के खिलाफ अपने सैन्य लक्ष्य पूरे करने के बाद पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम (सीजफायर) की सहमति जताई, तो यह एक रणनीतिक संतुलन का संकेत था। लेकिन पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि में सुधार आने के बजाय, उसकी और किरकिरी हो रही है। इस बार उसे निशाने पर लिया है ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित मीडिया नेटवर्क स्काई न्यूज ऑस्ट्रेलिया ने, जिसने पाकिस्तान की हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस को भारत की “नकल” बताते हुए तीखा तंज कसा।
स्काई न्यूज की दो टूक : नकल में भी अक्ल चाहिए
अपने यूट्यूब चैनल पर डाली गई रिपोर्ट में स्काई न्यूज ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान ने भारत की तीनों सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस की “कॉपी” करने की कोशिश की, लेकिन सबूत और तथ्यों के अभाव में खुद को हास्य का पात्र बना लिया। रिपोर्ट में कहा गया:
“पाकिस्तान आर्मी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस तो कर ली, लेकिन उसने न तो कोई ठोस विजुअल दिखाया और न ही कोई विश्वसनीय प्रमाण पेश किया। बस उन जगहों का नाम लिया गया जहां उसने हमले का दावा किया था।”
जनता ने भी लगाई क्लास
स्काई न्यूज ने कुछ सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएं भी दिखाईं, जिनमें पाकिस्तान की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की कड़ी आलोचना की गई थी। एक यूज़र ने लिखा:
“पाकिस्तान आर्मी का प्रेस कॉन्फ्रेंस देखकर ऐसा लगा जैसे किसी बच्चे को स्कूल प्रोजेक्ट बनाने को मिला था लेकिन उससे सही बना नहीं!”
दावों का सहारा सिर्फ सोशल मीडिया क्लिप्स
भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जहां सैटेलाइट इमेज, सटीक आंकड़े और वीडियो प्रमाण दिखाए गए, वहीं पाकिस्तान अपनी बात को साबित करने के लिए सिर्फ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया से जुटाए गए विजुअल्स पर निर्भर रहा। यहां तक कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चलाए गए वीडियो भी पहले से सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके फुटेज थे, जिनकी प्रमाणिकता संदिग्ध मानी जा रही है।
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पाकिस्तान की रणनीति पर सवाल
इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि पाकिस्तान अब भी प्रचार युद्ध (Propaganda War) पर अधिक भरोसा करता है, बजाय ठोस रणनीति और तथ्य आधारित संवाद के। उसकी सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व की विश्वसनीयता पर आंतरिक और बाहरी दोनों स्तरों पर सवाल उठ रहे हैं।