
बाराबंकी : संत बाबा बैजनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हरख में मंगलवार को भारत की विदेश नीति और अटल जी विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय की स्मार्ट क्लास में बैजनाथ कल्चरल क्लब के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के आयोजक क्लब प्रभारी डॉ. शशिकांत थे, जबकि प्राचार्य प्रो. डॉ. राजेश कुमार चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संगोष्ठी के समारोहाध्यक्ष डॉ. धर्मवीर थे। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
प्राचार्य डॉ. चतुर्वेदी ने अपने व्याख्यान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विदेश नीति वर्ष 1977-1979 पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से 4 अक्टूबर 1977 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अटल जी द्वारा हिंदी में दिए गए ओजस्वी भाषण की विवेचना की और भाषण के प्रमुख बिंदुओं से छात्रों को अवगत कराया। उन्होंने इसे भारत की भाषाई अस्मिता और सांस्कृतिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया।
डॉ. चतुर्वेदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है, और हमें गर्व के साथ अपने संवाद और अभिव्यक्ति में इसका प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने अटल जी के राजनैतिक दृष्टिकोण, कूटनीतिक सोच और व्यक्तित्व की बहुआयामी विशेषताओं को भी रेखांकित किया।
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. शशिकांत और डॉ. धर्मवीर ने भी अपने विचार व्यक्त किए और छात्रों से आह्वान किया कि वे देश के इतिहास, राजनीति और भाषाई मूल्यों की गहराई से समझ विकसित करें।
इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों और विद्यार्थियों ने विषयवस्तु को ज्ञानवर्धक और प्रेरणास्पद बताया। संगोष्ठी का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रीय चेतना, भाषा प्रेम और राजनैतिक परिपक्वता का विकास करना था, जिसमें यह कार्यक्रम सफल रहा।
8000 प्रकाशवर्ष दूर एपेप में दर्ज हुई ब्रह्मांडीय तबाही, जेम्स वेब ने दिखाई दो तारों की आखिरी सांसें