
गुवाहाटी : असम विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हुआ। सत्र में 1983 के नेल्ली हत्याकांड से जुड़े तेवारी और मेहता आयोग की रिपोर्टें सदस्यों और पुस्तकालय के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी। इस हत्याकांड में 2,000 से अधिक लोगों की मौत और करीब तीन लाख लोग बेघर हुए थे। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि यह सत्र सुरक्षा से लेकर कानूनों के आधुनिकीकरण तक कई बड़े बदलावों का गवाह बनेगा। हालांकि इन रिपोर्टों पर सदन में न तो चर्चा होगी और न ही टेबलिंग की जाएगी।
सरमा ने बताया कि 1987 में रिपोर्टें सदन में पेश करने और प्रतियां उपलब्ध कराने का वादा किया गया था, लेकिन पूरा नहीं हुआ। इस सत्र में सरकार 18 महत्वपूर्ण बिल पेश करेगी, जिनमें एंटी-लव जिहाद, एंटी-पॉलीगैमी, भूमि व राजस्व संशोधन और पशु क्रूरता रोकथाम से जुड़े बिल शामिल हैं।
सत्र के पहले दिन गायक जुबीन गर्ग की मौत के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा पेश स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी मिली। विपक्ष के नेता देबबरत सैकिया और विधायक अखिल गोगोई ने इस पर चर्चा की मांग की। स्पीकर बिस्वजित दैमारी के वक्तव्य से पहले मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सरकार भी इस मामले को गंभीरता से ले रही है और स्थगन प्रस्ताव स्वीकार किया जाना चाहिए। स्पीकर ने अनुमति देते हुए कहा कि चर्चा के बाद बिल और अतिरिक्त अनुदान सदन में लाए जाएंगे तथा जांच को प्रभावित करने वाली टिप्पणियों से बचने की अपील की।














