एशियाई शेयर बाजारों में टैरिफ विवाद के चलते भारी गिरावट

एशियाई शेयर बाजारों में टैरिफ विवाद के चलते भारी गिरावट देखी गई है। हांगकांग के बाजार में 10 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि चीन और जापान के शेयर बाजारों में 6 प्रतिशत तक नुकसान हुआ। ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा के बाद से शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। एक्सपर्ट्स ने ब्लैक मंडे का अनुमान जताया है, और सोमवार की सुबह जैसे ही बाजार खुले, सेंसेक्स में करीब 3000 अंक की गिरावट देखी गई, यानी लगभग 4.70 प्रतिशत की कमी आई। निफ्टी भी 1000 अंक गिरा और महज कुछ ही सेकेंड्स में करीब 19 लाख करोड़ रुपये का बाजार मूल्य कम हो गया।

बीएसई सेंसेक्स 3379.19 अंक (4.48%) गिरकर 72,623 पर और निफ्टी 50 1056.05 अंक (4.61%) गिरकर 21,848.40 पर पहुंच गया। दूसरी ओर, एशियाई शेयर बाजारों में भी टैरिफ के चलते भूकंप आया, हांगकांग में 10 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि चीन से लेकर जापान तक के बाजारों में 6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। अमेरिका में भी भारी गिरावट आई, जहां एसएंडपी और नैस्डैक में 3 प्रतिशत की कमी आई और डाउ फ्यूचर्स 900 अंक नीचे चला गया। जापान के निक्केई ने भी मार्केट ओपन होते ही 225 प्वाइंट्स की गिरावट देखी।

ऑस्ट्रेलिया के एस एंड पी 200 में 6.5 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 7184.70 पर बंद हुआ, जबकि दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 5.5 प्रतिशत की गिरावट रही, जो 2328.52 पर बंद हुआ। इससे पहले, अमेरिकी नैस्डैक ने शुक्रवार को लगभग 7 प्रतिशत की गिरावट देखी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट कुछ भी नहीं है और अगर स्थिति संभली नहीं, तो अमेरिकी बाजार 1987 जैसी स्थिति का सामना कर सकते हैं।

अमेरिकी टीवी पर्सनालिटी और मार्केट एक्सपर्ट जिम क्रेमर ने स्टॉक मार्केट को लेकर एक डरावना अंदेशा जताया। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उन देशों से संपर्क नहीं करते जिन्होंने जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं, तो सोमवार, 7 अप्रैल, 1987 जैसा संकट आ सकता है।

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