Asia Cup : भारत-पाकिस्तान मैच पर सियासत! विपक्ष ने की निंदा, कहा- 26 भारतीयों की जान अधिक कीमती या पैसा…

Asia Cup : एशिया कप में आज होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर देशभर में सियासी घमासान छिड़ गया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पांच महीने पहले हुए आतंकी हमले के बाद इस मुकाबले को लेकर राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने इसे शहीदों का अपमान करार देते हुए विरोध किया है, वहीं नेताओं ने इस पर सरकार और क्रिकेट बोर्ड पर सवाल उठाए हैं।

शिवसेना (उबाठा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत कई दलों ने इस निर्णय की निंदा की है। कांग्रेस और शिवसेना ने इसे सैनिकों और पीड़ित परिवारों का अपमान बताया है। खासतौर पर, कानपुर के व्यवसायी शुभम की पत्नी ऐशन्या ने आपसे आग्रह किया है कि लोग इस मैच का बहिष्कार करें और इसे देखने से परहेज करें, क्योंकि उनका मानना है कि यह घटना बेहद असंवेदनशील है।

उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभक्ति का व्यवसायीकरण कर दिया है। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, फिर खेल और खून क्यों साथ-साथ हो सकते हैं? यह खेल नहीं, बल्कि राजनीति का मामला है।” उन्होंने आगे कहा कि यह सब व्यापार और सत्ता का खेल है, जिसमें देश का नुकसान हो रहा है।

ओवैसी ने भी सवाल उठाया, “पाकिस्तान ने पहलगाम में हमारे नागरिकों को गोली मारी, तो क्या हम उनसे क्रिकेट मैच खेल सकते हैं? भाजपा सरकार को यह तय करना चाहिए कि 26 नागरिकों की जान की कीमत पैसे से ज्यादा है या नहीं।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने फायदे के लिए देश की एकता और सुरक्षा से समझौता कर रही है।

आम आदमी पार्टी ने भी विरोध जताते हुए पाकिस्तान क्रिकेट टीम का पुतला फूंका और कहा कि “खून और क्रिकेट एक साथ नहीं चल सकते।” दिल्ली के नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह घटना बहुत दर्दनाक है और इस तरह का मुकाबला देशभक्ति के साथ मेल नहीं खाता।

इमरान मसूद ने तंज कसते हुए कहा, “व्यापार तो हर जगह चलता रहेगा। यह सरकार अपने दोस्तों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है, जबकि हमारे जवानों का खून अभी भी सूखा नहीं है।” उन्होंने कहा कि यह सब राजनीतिक और आर्थिक फायदे के लिए हो रहा है।

आदित्य ठाकरे ने भी सोशल मीडिया पर लिखा, “पहलगाम में हुए कायराना हमले को अभी छह महीने भी नहीं बीते। पाकिस्तान ने भारत में हॉकी का बहिष्कार किया, लेकिन बीसीसीआई पाकिस्तान से खेलने के लिए उतावला है।” उन्होंने सवाल किया कि क्या बीसीसीआई इतना मजबूत है कि वह सरकार की बात को नजरअंदाज कर सके।

यह सारा मामला देश की सुरक्षा, सैनिकों की शहादत और राष्ट्रीय भावना के नाम पर गरमाया हुआ है, जिसमें नेताओं और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं आम जनता में भी गहरी चर्चा का विषय बनी हुई हैं।

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