अशोक गहलोत ने विधानसभा में गुप्त कैमरे लगाने को बताया गैरकानूनी

जयपुर : राजस्थान विधानसभा में गुप्त कैमरों के जरिए विपक्ष की कथित जासूसी का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल हरिभाऊ बागडे से मुलाकात कर जांच की मांग की। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर तीखा हमला बोला है। गहलोत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का यह कोई अधिकार नहीं कि वे कैमरों के जरिए विपक्ष की बातचीत सुनें।

गहलोत का आरोप
अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि विधानसभा में दो कैमरे लगाए गए हैं, जिनका कंट्रोल सिस्टम सीधे विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में है। उनका कहना था कि यह बहुत बड़ा अपराध है और इसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अध्यक्ष को विपक्ष की बातचीत पर नजर रखने का अधिकार है।

पूर्व में डोटासरा मामले में भी इसी तरह का मामला
गहलोत ने बताया कि बजट सत्र में कांग्रेस अध्यक्ष और वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा के साथ भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। डोटासरा द्वारा सदन में बोले गए जुमले को लेकर सत्ता पक्ष के विधायक बहस करते रहे, और विधानसभा अध्यक्ष ने डोटासरा की अनुपस्थिति में उन पर टिप्पणी की, जो कि उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर थी।

प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर पूरे मामले की जांच की मांग की। गहलोत ने कहा कि राज्यपाल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कितने कैमरे लगाए गए, क्यों लगाए गए और भुगतान किसने किया।

वोट चोरी और लोकतंत्र पर चिंता
गहलोत ने वोट चोरी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक देशभर में वोट चोरी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी। गहलोत ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए बताया कि राहुल गांधी ने मतदाताओं की डिजिटल कॉपी मांगी थी, लेकिन छह महीने बाद भी आयोग ने यह नहीं दी। उन्होंने ईवीएम और मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का भी आरोप लगाया।


पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए गड़बड़ी और अनुचित तरीके से विपक्ष पर निगरानी के मामलों की जांच आवश्यक है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के निर्देशानुसार राष्ट्रव्यापी अभियान के माध्यम से जागरूकता फैलाने की बात कही।

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