Arvind Kejriwal: IIT JEE में 563वीं रैंक, दो बार दी UPSC, लेकिन नही बन पाएं IAS

अरविंद केजरीवाल का शिक्षा और करियर:

अरविंद केजरीवाल, जिनके बारे में आमतौर पर राजनीति और सामाजिक सुधारों के लिए जाना जाता है, ने अपनी शिक्षा और करियर की शुरुआत एक छोटे से गांव से की थी। उनका जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के हिसार जिले के सिवानी खेड़ा गांव में हुआ था। वे तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उनके पिता, गोबिंद राम केजरीवाल, एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे, जो अरविंद के लिए प्रेरणा स्रोत बने। उनका पालन-पोषण एक साधारण और मेहनती परिवार में हुआ था, जिसने उनकी जीवन दृष्टि को आकार दिया।

प्रारंभिक शिक्षा

अरविंद केजरीवाल की प्रारंभिक पढ़ाई हिसार के कैंपस स्कूल और सोनीपत के होली चाइल्ड स्कूल से हुई। उनकी पढ़ाई में हमेशा एक विशेष रुचि और उत्कंठा रही, जो बाद में उनके करियर की दिशा तय करने में सहायक बनी। उन्होंने अपने समय में उच्च शैक्षिक मानकों को हासिल किया और अपने परिवार के दबाव और अपेक्षाओं के बावजूद, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए कठिन मेहनत की।

IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग

अरविंद केजरीवाल ने अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) की परीक्षा, IIT JEE, की तैयारी शुरू की। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस परीक्षा में सफलता दिलाई। वर्ष 1985 में उन्होंने IIT JEE परीक्षा पास की और 563वीं रैंक प्राप्त की। इसके बाद उन्हें IIT खड़गपुर में दाखिला मिल गया, जहां से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अपनी डिग्री पूरी की। IIT खड़गपुर से पढ़ाई ने उन्हें तकनीकी ज्ञान और समस्या समाधान में गहरी समझ प्रदान की, जो उनके भविष्य के करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।

UPSC परीक्षा और भारतीय राजस्व सेवा (IRS)

अरविंद केजरीवाल का करियर सरकारी सेवा में जाने का था, और उनका सपना हमेशा से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) बनने का था। इस दिशा में उन्होंने UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा दी। उन्होंने पहली बार ही UPSC परीक्षा पास की और 1993 में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के लिए चयनित हो गए। हालांकि, उनका मन IAS में जाने का था, इसलिए उन्होंने एक बार फिर से UPSC परीक्षा दी। दूसरी बार भी उनका चयन IRS के लिए हुआ, लेकिन इस बार उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा में ही काम करने का निर्णय लिया और 1995 में आयकर विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के रूप में नियुक्त हो गए।

हायर एजुकेशन के लिए छुट्टी

अरविंद केजरीवाल की राजनीति में दिलचस्पी और समाज सेवा के प्रति उनका जुनून उन्‍हें आयकर विभाग से आगे कुछ और करने के लिए प्रेरित कर रहा था। इसके चलते, उन्होंने वर्ष 2000 में हायर एजुकेशन के लिए आयकर विभाग से दो साल की सवैतनिक छुट्टी ली। इस छुट्टी के दौरान उनका उद्देश्य सामाजिक कार्यों और अपने विचारों को अधिक विस्तार से समझना और लागू करना था। उनके द्वारा ली गई छुट्टी के दौरान, यह शर्त रखी गई थी कि वे काम पर लौटने के बाद तीन साल तक विभाग छोड़ेंगे नहीं। अगर उन्होंने यह शर्त तोड़ी, तो उन्हें छुट्टी के दौरान प्राप्त की गई सैलरी वापस करनी होती।

कार्यकाल में बदलाव और सामाजिक सक्रियता

अरविंद केजरीवाल की वापसी 2002 में हुई, लेकिन इस दौरान आयकर विभाग में उन्हें एक साल तक कोई पोस्टिंग नहीं मिली। इसके बावजूद, उन्हें सैलरी मिलती रही, जिससे उनकी स्थिति मजबूत रही। इसके बाद, उन्होंने 18 महीने की बिना वेतन छुट्टी का आवेदन किया, जो मंजूर हो गया। यह समय उनके लिए व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि इस दौरान उन्होंने भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को गंभीरता से लिया और समाज सुधारक के रूप में अपनी पहचान बनानी शुरू की।

अन्ना आंदोलन और आम आदमी पार्टी का गठन

अरविंद केजरीवाल का असली बदलाव तब आया जब उन्होंने 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भाग लिया। यह आंदोलन भारतीय राजनीति का महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसमें अरविंद केजरीवाल ने अपने अनुभव और ज्ञान का प्रयोग करते हुए सक्रिय रूप से भूमिका निभाई। इसके बाद, उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना की, जो भ्रष्टाचार को खत्म करने और पारदर्शी शासन की दिशा में एक नया प्रयास था।

समाज सेवक से नेता बनने तक

अरविंद केजरीवाल का जीवन एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे किसी व्यक्ति की शिक्षा, अनुभव और जुनून मिलकर उसे एक बड़े बदलाव का हिस्सा बना सकते हैं। अपनी उच्च शिक्षा, सरकारी सेवा, और समाज सुधार के प्रयासों से उन्होंने राजनीति में एक नई दिशा दी। उनकी यात्रा आज भारतीय राजनीति में एक प्रेरणास्त्रोत बन चुकी है।

उनकी कहानी यह सिखाती है कि कभी भी अपनी मंजिल को हासिल करने के लिए केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि समाज के लिए कुछ करने का इरादा भी जरूरी है। अरविंद केजरीवाल का यह सफर उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा देने वाला है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत करते हैं और समाज में बदलाव लाने की दिशा में काम करना चाहते हैं।

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