
★★★★ 4/5
भाषा: हिंदी
निर्देशक: नंदा किशोर
निर्माता:
शोभा कपूर, एकता आर. कपूर, सी.के. पद्मा कुमार, वरुण माथुर, सौरभ मिश्रा, अभिषेक एस. व्यास, प्रवीर सिंह, विशाल गुरनानी, जूही पारेख मेहता
कलाकार: मोहनलाल, समरजीत लंकेश, रागिनी द्विवेदी, नयन सारिका, अजय, नेहा सक्सेना सहित अन्य
‘वृषभ’ उन फैंटेसी फिल्मों में से है जो पौराणिक तत्वों को केवल सजावट की तरह इस्तेमाल नहीं करती, बल्कि उन्हें भावनात्मक कथा का आधार बनाती है। फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष इसके दो मुख्य कलाकार और उनके बीच का संतुलित अभिनय है।
कहानी जिम्मेदारी, त्याग और आत्मिक द्वंद्व जैसे विषयों को छूती है। इसे तेज़ रफ्तार या अनावश्यक मोड़ों से नहीं भरा गया, बल्कि धीरे-धीरे किरदारों के भीतर चल रहे संघर्ष को सामने लाया गया है। यह दृष्टिकोण फिल्म को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है।
मोहनलाल अपने अभिनय से किरदार को वजन और विश्वसनीयता देते हैं। उनका शांत और संयमित अंदाज फिल्म की गंभीरता को बनाए रखता है। समरजीत लंकेश यहां नई ऊर्जा के साथ नजर आते हैं। उनका अभिनय स्पष्ट, नियंत्रित और भावनात्मक रूप से सटीक है।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, भावनात्मक दांव बढ़ते जाते हैं और किरदारों के फैसले फिल्म को निर्णायक दिशा में ले जाते हैं। ड्रामा बिना किसी अतिरिक्त शोर के असर करता है, जो इस फिल्म की खासियत है।
सहायक कलाकार फिल्म की दुनिया को जीवंत बनाते हैं। तकनीकी पक्ष मजबूत है और बैकग्राउंड स्कोर भावनात्मक प्रवाह को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
‘वृषभ’ उन दर्शकों के लिए है जो पौराणिक फैंटेसी के साथ मानवीय भावनाओं की गहराई देखना चाहते हैं।















