
झांसी। ये वही देश है जहाँ माँ भारती की बेटियाँ सरहद पर दुश्मनों की छाती पर गोली दागने का हौंसला रखती हैं और वही देश, जहाँ सियासत के मंच से एक मंत्री उस बेटी को ‘आतंकवादियों की बहन’ कहकर बुला देता है। सवाल उठता है — ये सिर्फ़ ज़ुबान की फिसलन थी या दिल-दिमाग में जहर भरी साजिश?
मंच से जहर उगला, वायरल हुआ बयान
13 मई को मध्य प्रदेश के महू में एक सभा के दौरान शिवराज सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह ने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर शर्मनाक टिप्पणी करते हुए कहा, “ये कर्नल सोफिया, आतंकियों की बहन है।” बस फिर क्या था, वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैला और हर ओर गुस्से की लहर दौड़ गई।
कर्नल सोफिया, वो नाम है जिसने सरहद पर अपने पराक्रम से दुश्मनों के छक्के छुड़ाए हैं। और अब उसी बेटी का नाम इस तरह घसीटना, देश की आत्मा पर हमला नहीं तो और क्या है?
झांसी में सड़कों पर उतरी कांग्रेस, एफआईआर की मांग
इस घटिया बयान के विरोध में झांसी में कांग्रेसियों ने मोर्चा खोल दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता नवाबाद थाने पहुंचे। भारी नारेबाज़ी हुई, “सेना का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान!”
कांग्रेस नेताओं ने विजय शाह पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। प्रदीप जैन आदित्य ने साफ कहा, “ये सिर्फ़ कर्नल सोफिया का नहीं, देश की हर बेटी और हर सैनिक का अपमान है। देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए।”
सवाल सिर्फ़ बयान का नहीं, सोच का है
अब सवाल ये है कि क्या देश के एक जिम्मेदार मंत्री का इस तरह सेना की बेटी पर हमला करना सिर्फ़ जुबानी फिसलन मानी जाएगी? या ये सत्ता के गलियारों में पनपती जहरीली सोच का पर्दाफाश है? क्या ऐसे नेताओं को कुर्सी पर बने रहने का हक़ है? और सबसे बड़ा सवाल, क्या प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इसकी निंदा करेंगे?
जनता पूछ रही है, चुप्पी क्यों?
सोशल मीडिया पर देशभर के जवान, पूर्व सैनिक, छात्र और आम नागरिक एक सुर में मंत्री की गिरफ्तारी और माफ़ी की मांग कर रहे हैं। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ‘सेना का अपमान’ और ‘विजय शाह माफ़ी मांगो’ ट्रेंड कर रहे हैं। इस मामले में कई बड़े-बड़े नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं।
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