
अमृतसर। भारतीय सेना में तैनात जवान गुरप्रीत सिंह और उसके साथी साहिल मसीह को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया है कि बीते दो महीनों में इन्हें ऑनलाइन माध्यम से दो लाख रुपये की राशि भेजी गई थी, जो गुरप्रीत ने अपने साथी साहिल के बैंक खाते में ट्रांसफर करवाई थी।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भेजी गई थी संवेदनशील जानकारी
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि गुरप्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी ISI को कई सैन्य ठिकानों की जानकारी भेजी थी। एसएसपी मनिंदर सिंह के अनुसार, गुरप्रीत ने जम्मू के साथ-साथ दिल्ली कैंट और मेरठ कैंट में ड्यूटी के दौरान संवेदनशील जानकारियां एकत्र कीं और उन्हें आगे भेजा।
ISI एजेंट राणा जावेद से संपर्क नशा तस्कर के माध्यम से हुआ
जांच में पता चला है कि गुरप्रीत का ISI एजेंट राणा जावेद से संपर्क अर्जन नामक एक नशा तस्कर के जरिए हुआ था, जो वर्तमान में दुबई में रह रहा है। अर्जन के खिलाफ जल्द ही एलओसी (लुकआउट सर्कुलर) जारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि गुरप्रीत का पिता गांव के गुरुद्वारा साहिब में सेवादार है, जिससे यह मामला और अधिक चौंकाने वाला बन गया है। दोनों आरोपितों को फताहपुर जेल में बंद रखा गया है।
जासूसी नेटवर्क की आशंका, एजेंसियां सतर्क
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने भी अमृतसर में डेरा डाल लिया है। सोमवार शाम को गुरप्रीत और साहिल को ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर (JIC) में पूछताछ के लिए ले जाया गया, जहां उनसे गहराई से जानकारी ली जा रही है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि यह जासूसी सिर्फ एक व्यक्ति या जोड़ी तक सीमित नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। एजेंसियों ने इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर दी है।
कोर्ट ने भेजा पुलिस रिमांड पर
कोर्ट ने दोनों आरोपितों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। इन्हें मंगलवार को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि रिमांड के दौरान और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
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