
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को लखनऊ स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। यह कार्रवाई उनके एक पुराने बयान को लेकर दर्ज मानहानि मामले के तहत की गई है, जिसमें उन्होंने कथित रूप से भारतीय सेना पर टिप्पणी की थी।
क्या है मामला?
मामला 16 दिसंबर 2022 का है, जब ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई झड़प का जिक्र करते हुए कहा था,”चीनी सैनिक हमारे जवानों को पीट रहे हैं, लेकिन मीडिया उनसे सवाल नहीं करता।”
इस बयान को कई पूर्व सैन्य अधिकारियों और संगठनों ने भारतीय सेना की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला बताया था।
किसने दर्ज कराया केस?
यह मुकदमा सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने दायर किया था। उनका आरोप है कि राहुल गांधी का बयान जानबूझकर सेना की छवि धूमिल करने की मंशा से दिया गया था, जिससे आम नागरिकों में भ्रम और सेना के मनोबल पर असर पड़ा।
कोर्ट में पेश और जमानत
इस मामले में लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को तलब किया था। मंगलवार को राहुल गाँधी कोर्ट के समक्ष पेश हुए। राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट से जमानत की अर्जी दाखिल की, जिसे स्वीकार कर उन्हें जमानत दे दी गई। अब इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख अदालत द्वारा तय की जाएगी।
सेना ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि राहुल गांधी के बयान से पहले ही 12 दिसंबर 2022 को भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा था कि “चीन की सेना ने घुसपैठ की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने उसे पूरी मजबूती से खदेड़ दिया। दोनों पक्षों को हल्की चोटें आई थीं।
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