
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में न्याय के लिए सेना एक पूर्व ब्रिगेडियर को लड़ना पड़ा रहा है। व्यवस्था इतनी खराब है कि जानलेवा हमला होने के बावजूद पुलिस इसे टरकाने में लगी है। मंगलवार को उन्होंने प्रेस क्लब में मीडिया के सामने अपनी पीड़ा सुनाई।
सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर रवींद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी जमीन पर भू-माफियाओं ने अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया है। 05 मार्च, 2025 को मुझ पर अमेठी के तिलोई तहसील के धीरापुर गांव के पास एक हिंसक हमला किया गया। इस अकारण क्रूरतापूर्ण कृत्य से मेरे सिर, हाथ और पैरों पर गंभीर चोटें आईं। इस हमले ने शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह से गहरे जख्म छोड़े। घटना ने मुझे अंदर तक झकझोर कर रख दिया।
बता दें सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर रविन्द्र श्रीवास्तव सेनानियों के परिवार से आते हैं। उन्होंने कहा नागरिक और भूतपूर्व सैनिक के रूप में उनके अधिकार को खतरा है। न्याय सुनिश्चित करने और असली मालिक के हितों की रक्षा करने के लिए वर्षों से सरकार प्रशासन से प्रार्थना की गई लेकिन कोई अनुकूल परिणाम नहीं निकला।
ब्रिगेडियर रवींद्र श्रीवास्तव ने कहा पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली है। लेकिन सिर पर चोटों की मेडिकल पुष्टि के बावजूद हत्या के प्रयास से संबंधित धाराओं को शामिल करने से कतरा रही है। मैं न्याय पाने के लिए लगा रहूंगा। मैं अधिकारियों से अपराधियों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।
उन्होंने कहा हमें उन सैनिकों के लिए एक सुरक्षित और अधिक न्यायपूर्ण समुदाय की दिशा में काम करना बाहिए, जो राष्ट्र की रक्षा में अपने कर्तव्यों के कारण शारीरिक रूप से अपनी संपत्ति की देखभाल नहीं कर सकते ।