क्या सरकारी संपत्तियों पर बने हैं मस्जिद, मजार, इमामबाड़ा व कब्रिस्तान ?

  • सरकार की 406 संपत्तियों को वक्फ बोर्ड बताती है अपना

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित कई मस्जिद, मजार, कब्रिस्तान और इमामबाड़े सरकारी सम्पतियों पर बने हुए हैं। इसमें नदेसर की चर्चित जामा मस्जिद भी है। जामा मस्जिद तालाब की जमीन पर बनी है। राज्य शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन के सर्वे में यह मामला सामने आया है। इन सम्पत्तियों को वक्फ बोर्ड ने अपने रजिस्टर में दर्ज भी किया है।

एडीएम (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव के अनुसार वाराणसी में सरकार की 406 संपत्तियों को वक्फ बोर्ड अपना बताती है। ये गाटावार सर्वे बीते वर्ष के अक्टूबर से दिसंबर माह में हुआ। सर्वे में तहसील प्रशासन के साथ राजस्व कर्मी शामिल रहे।

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने पूरी सर्वे रिपोर्ट राज्य शासन के अलावा हाई कोर्ट के आदेश पर गठित कमेटी के पास भी भेजा है। इसमें बताया गया है कि इन सम्पत्तियों का विवरण खतौनी में गाटा संख्या के नाम पर है। सर्वे के दौरान दस्तावेजों के आधार पर वक्फ बोर्ड की सम्पतियों की जानकारी जुटाई गई। इसमें खास तौर पर कितनी सरकारी संपत्ति को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति बताई है। इन सभी भूभाग की स्थलीय निरीक्षण में उसकी वर्तमान स्थिति भी देखी गई कि वहां मस्जिद, कब्रिस्तान, मजार है या आबादी है।

वक्फ बोर्ड के रजिस्टर में कुल 406 संपत्ति ऐसी दर्ज हैं, जो राज्य सरकार की संपत्ति है। इसमें बंजर जमीन, आबादी की जमीन, तालाब, खेत, चारागाह की जमीन भी हैं। वर्ष 1359 के खसरा खतौनी के आधार पर नगर निगम और तहसील प्रशासन ने सर्वे कराया। इस दौरान जानकारी सामने आई कि राजस्व विभाग के खसरा खतौनी में ये सम्पत्तियां अपने मूल नाम से ही हैं। खास बात यह है कि किसी भी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड ने अपना नाम नहीं चढ़वाया है। ऐसे में इन सभी संपत्तियों को रजिस्टर से खारिज कराने के लिए प्रशासन की ओर से लखनऊ वक्फ बोर्ड को पत्र भेजा जाएगा।

जिले में वक्फ बोर्ड के नाम पर 1637 संपत्ति उनके रजिस्टर में दर्ज हैं। इसमें 1537 सुन्नी वक्फ बोर्ड और 100 शिया बोर्ड के नाम पर है। पिछली सरकारों के उदासीनता के चलते सरकारी जमीन को भी शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित कर दिया। वाराणसी जिले में कुल 1637 वक्फ संपत्तियों में से सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 406 सरकारी सम्पति है। खास बात यह है कि वाराणसी कलेक्ट्रेट स्थित मजार राजस्व परिषद की भूमि पर है। एडीएम वंदिता श्रीवास्तव के अनुसार शासन से आदेश मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

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