17 छात्राओं से छेड़छाड़ के अलावा…खुले चैतन्यानंद के फर्जी ब्रिक्स और संयुक्त राष्ट्र कनेक्शन !

नई दिल्ली। चैतन्यानंद सरस्वती, जिसे पार्थ सारथी के नाम से भी जाना जाता है, को दिल्ली पुलिस ने आगरा के होटल से गिरफ्तार किया। उस पर वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च की 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और आपत्तिजनक संदेश भेजने का आरोप है।

पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपी बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था। शनिवार रात करीब साढ़े तीन बजे पुलिस ने होटल फर्स्ट के कमरे नंबर 101 से उसे दबोच लिया। इसके बाद उसे वसंत कुंज थाने लाया गया और दोपहर में पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने पुलिस की मांग पर आरोपी को पांच दिन के रिमांड पर सौंपा।

फर्जी पासपोर्ट और विजिटिंग कार्ड बरामद

जांच में पुलिस को चैतन्यानंद के पास फर्जी दस्तावेज मिले। उसके पास दो पासपोर्ट थे — एक पार्थ सारथी के नाम से और दूसरा चैतन्यानंद सरस्वती के नाम से। एक पासपोर्ट में पिता का नाम स्वामी घनानंद पुरी और मां का नाम शारदा अंबा लिखा था, जबकि दूसरे में पिता का नाम स्वामी दयानंद सरस्वती और मां का नाम शारदा अम्बल दर्ज था।

साथ ही पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल और एक आइपैड भी बरामद किए। इसके अलावा चैतन्यानंद ने खुद को ब्रिक्स आयोग का सदस्य और भारत का विशेष दूत, और संयुक्त राष्ट्र का स्थायी राजदूत बताने वाले फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बनवाए थे।

जांच की प्रक्रिया

पुलिस ने बरामद दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फोरेंसिक लैब भेजकर जांच शुरू कर दी है। मामले की शिकायत संस्थान प्रबंधन ने चार अगस्त, 2025 को वसंत कुंज थाने में दर्ज कराई थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, चैतन्यानंद गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार आगरा में अपना ठिकाना बदल रहा था। शनिवार रात पुलिस ने होटल में ठहरे यात्रियों के रजिस्टर की जांच कर आरोपी को पकड़ लिया।

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