- एमपी/एमएलए कोर्ट ने साक्ष्यों तथा विवेचना को प्रभावित करने का बताया गया कारण
- अब हाईकोर्ट का रूख करेंगे सांसद के पैरोकार/अधिवक्ता
सीतापुर। आखिरकार देर शाम को एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा कांग्रेस सांसद राकेश राठौर की अग्रिम जमानत पर अपना फैसला दे दिया। उनके अधिवक्ता द्वारा अग्रिम जमानत के लिए डाले गए प्रार्थना पत्र को न्यायाधीश ने निरस्त कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि राकेश राठौर वर्तमान समय में जनप्रतिनिधि हैं तथा लोकसभा सीतापुर से सांसद है।
जिन पर बलात्कार जैसा गंभीर आरोप है। अभियुक्त को अग्रिम जमानत दिए जाने पर उनके द्वारा विवेचना एवं साक्ष्य को प्रभावित किए जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है। आरोपित अपराध में आजीवन कारावास तक का प्रावधान है तथा प्रकरण में विवेचना जारी है। इसलिए आवेदक/अभियुक्त की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है।
सांसद केस में आज सुबह से ही लोगों को फैसला की जानकारी के लिए नजरें लगी हुई है। जानकार लगातार इस बारे में जानकारी मांग रहे थे तथा उनके अधिवक्ता एवं दूसरे अधिवक्ताओं से भी पूछ रहे थे कि क्या हुआ। आपको बताते चलें कि जब पहले दिन मामला एमपी एमएलए कोर्ट को स्थानान्तरित किया गया था तो 22 जनवरी की तारीख को आदेश की सुनाने की बात कही गई थी लेकिन 22 को आदेश ना दे कर कोर्ट ने पुनः 23 जनवरी की तारीख नियत कर दी थी।
आज 23 जनवरी को सुबह से ही कोर्ट का फैसला जानने के लिए लोग न्यायालय के अंदर तथा बाहर देखे जा रहे थे। लगातार लोगों की निगाहे इसी पर लगी हुई थी। सभी को दोपहर 12 बजे की जानकारी थी लेकिन 12 के बाद ढाई बज गया और फिर शाम भी हो गई। जिस पर लोग तरह-तरह के कयास लगाते नजर आए। करीब छह बजे कोर्ट ने प्रार्थना निरस्त करने का आदेश जारी किया।
आदेश आने के बाद सांसद के अधिवक्ता पक्ष की ओर से कोर्ट के आदेश की नकल लेने के लिए विधिक कार्रवाई की गई। अब पैरोकार/अधिवक्ता हाईकोर्ट की ओर रूख करेंगे। आपको बताते चलें कि इस बात का अंदेशा गुरूवार को सुबह से ही लगाया जा रहा था कि जमानत अर्जी खारिज हो सकती है।