केन्या में सरकार विरोधी प्रदर्शन फिर हुआ हिंसक: 8 की मौत, 400 घायल, जानिए पूरा मामला

पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या में एक बार फिर सरकार विरोधी प्रदर्शन हिंसक हो उठा। एक साल पहले टैक्स वृद्धि के खिलाफ हुए प्रदर्शन की बरसी पर 25 जून 2025 को फिर से बड़े पैमाने पर मार्च निकाला गया, लेकिन यह मार्च भी पहले की तरह हिंसा में बदल गया। इस हिंसा में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई और 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए। राजधानी नैरोबी से लेकर अन्य 23 काउंटियों में यह प्रदर्शन फैला और कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़पें हुईं।

क्या हुआ 25 जून को?

एक साल पहले, 25 जून 2024 को जब केन्या की संसद में टैक्स बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर काम हो रहा था, तब लोगों ने संसद भवन पर धावा बोल दिया था। उस हिंसा में 60 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। अब, ठीक एक साल बाद, उसी घटना की याद में 25 जून 2025 को फिर से देशभर में प्रदर्शन हुए।

25 वर्षीय एंथनी, जो उस दिन नैरोबी में झंडे बेच रहा था, ने कहा –
“हम पुलिस की बर्बरता, अत्यधिक टैक्स, और सरकारी उत्पीड़न के खिलाफ सड़कों पर हैं।”

कितने लोग घायल हुए?

एमनेस्टी इंटरनेशनल और केन्याई मेडिकल एसोसिएशन जैसे संगठनों के मुताबिक,

  • कम से कम 400 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं
  • 83 लोगों की हालत गंभीर बताई गई है
  • कई को गोलियों के घाव लगे हैं, जिनके लिए पुलिस पर सीधे तौर पर गोली चलाने का आरोप लगा है

सरकार की प्रतिक्रिया कैसी रही?

हिंसा को देखते हुए सरकार ने कई कड़े कदम उठाए:

  • टीवी और रेडियो चैनलों को प्रदर्शन की लाइव कवरेज रोकने का आदेश दिया गया
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे टेलीग्राम को ब्लॉक कर दिया गया
  • राजधानी नैरोबी की सड़कों पर आंसू गैस और वॉटर कैनन से भीड़ को हटाया गया
  • सरकारी इमारतों को कंटीले तारों से घेर दिया गया

पुलिस पर क्या आरोप लगे?

पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने बर्बरता और हिंसा को दबाने के लिए किराए के गुंडों का इस्तेमाल किया।

  • इन “गुंडों” ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला किया
  • वे चाबुक और डंडों से लैस थे
  • पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई करते देखे गए

ब्रिटेन, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों ने इस रवैये की निंदा की और इसे लोकतंत्र विरोधी बताया। हालांकि 25 जून की हिंसा में इन गुंडों की मौजूदगी नहीं दिखी, लेकिन पुलिस की सख्ती और बल प्रयोग ने माहौल को और भड़का दिया।

जनता राष्ट्रपति विलियम रूटो से क्यों नाराज़ है?

2022 में भारी जनसमर्थन से चुने गए राष्ट्रपति विलियम रूटो ने आर्थिक विकास का वादा किया था, लेकिन:

  • देश की जीडीपी स्थिर है
  • महंगाई और टैक्स बढ़े हैं
  • भ्रष्टाचार चरम पर है

यही नहीं, सरकार की आलोचना करने वाले लोग रहस्यमय तरीके से लापता हो रहे हैं।
मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक,

  • 80 से ज्यादा आलोचकों का अपहरण हो चुका है
  • कई अब तक लापता हैं

रूटो पर देश को 1980–90 के तानाशाही काल की ओर ले जाने के आरोप लग रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक भाषण में कहा,
“मैं पुलिस के साथ खड़ा रहूंगा।”
जिसे लोगों ने धमकी के तौर पर लिया।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें