अनपरा ई,ओबरा डी ज्वाइंट वेंचर के बाद भी शुरू नहीं हो सकीं परियोजनाएं

  • संघर्ष समिति ने की उत्पादन निगम को सौंपने की मांग

Lucknow : अनपरा ई और ओबरा डी परियोजनाओं का ज्वाइंट वेंचर देने के दो साल बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है। जुलाई 2023 में हुए फैसले से ज्वाइंट वेंचर में एग्रीमेंट के तहत ओबरा डी परियोजना की लागत 17985 करोड़ रुपए और अनपरा ई परियोजना की लागत 18624 करोड़ रुपए रखी गई है।

उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने जुलाई 2023 में 2×800 मेगावॉट क्षमता की अनपरा ई और 2×800 मेगावॉट क्षमता की ओबरा डी परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर में मेजा थर्मल प्राइवेट कम्पनी को देने का निर्णय लिया था। विद्युत उत्पादन निगम और मेजा थर्मल के साथ ओबरा डी परियोजना का ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट सितंबर 2023 में और अनपरा ई परियोजना का ज्वाइंट वेंचर एग्रीमेंट अप्रैल 2024 में हस्ताक्षरित कर लिया गया था किन्तु अभी तक इस पर कोई काम नहीं शुरू हुआ है।

काम शुरू न हो पाने को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि ओबरा और अनपरा परियोजनाएं उत्पादन निगम के पास है और ओबरा डी और आनपारा ई परियोजनाएं इसका विस्तार मात्र है । यह परियोजनाएं किसी दूसरी कंपनी को जॉइंट वेंचर में देने से तमाम तकनीकी दिक्कतें पैदा होगी इसी कारण से जॉइंट वेंचर में काम नहीं शुरू पा रहा है। परियोजना शुरू न होने से परियोजनाओं की लागत भी बढ़ेगी और उत्पादन लागत भी बढ़ेगी।

उत्पादन निगम की तुलना में जॉइंट वेंचर में इन परियोजनाओं को बनाने से कम से कम 40 से 50 पैसे प्रति यूनिट महंगी बिजली मिलेगी। इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम यह होगा कि निर्धारित अवधि 50 माह में परियोजनाओं के पूरा न होने से से प्रदेश को बिजली नहीं मिल पायेगी।

ऐसी स्थिति में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि अनपरा ई और ओबरा डी परियोजनाओं का जॉइंट वेंचर समाप्त कर इसे प्रदेश की जनता हित में में तत्काल उत्पादन निगम को दिया जाय।

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