
Bihar CM Nitish Kumar : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय दोगुना करके बिहारवासियों को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे चुनावी मोड में चल रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार उन्होंने शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्याह्न भोजन में कार्यरत रसोइयों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि करते हुए 1650 रूपये से 3300 रूपये किए जाने की घोषणा की। मानदेय में इस वृद्धि से इन कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और वे और भी उत्साह से काम कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्याह्न भोजन में कार्यरत रसोइयों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि करते हुए 1650 रूपये से 3300 रूपये करने का निर्णय लिया गया है। वहीं माध्यमिक/उच्च शिक्षा विद्यालय में कार्यरत रात्रि प्रहरी का मानदेय 5000 रूपये से दोगुना करते हुए इसे अब 10000 रूपये करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय 8 हजार रूपये से दोगुना करते हुए अब 16 हजार रूपये करने का निर्णय लिया गया है। इनकी वार्षिक वेतन वृद्धि 200 रूपये के स्थान पर 400 रूपये करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि 2005 में सरकार बनने के बाद से ही उनकी सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि उस समय का 4366 करोड़ रुपये का शिक्षा बजट अब बढ़कर 77,690 करोड़ रुपये हो गया है। बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्तियाँ, नए स्कूल भवनों का निर्माण और आधारभूत संरचनाओं के विकास से शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने सभी जिलों के डीएम सह जिला मतदान पदाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। उनसे कहा गया है कि वे प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) या संबंधित अफसरों से मतदाताओं की पात्रता सत्यापित करने के लिए जरूरी दस्तावेज जारी कराने में मदद कराएं। इसके लिए सरकारी डेटाबेस का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि इसके लिए विकास रजिस्टर, खातियान जैसे रिकॉर्ड का उपयोग किया जा सकता है। विकास रजिस्टर के जरिए महादलित परिवारों के सभी सदस्यों का जाति प्रमाण पत्र बन सकता है। वहीं, भू-स्वामित्व रिकॉर् या खातियान से पूरे परिवार का निवास प्रमाण पत्र बनाया जा सकता है। ये दोनों ही सर्टिफिकेट वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान मतदाता की पहचान सत्यापित करने के लिए मान्य हैं। इसके लिए प्रखंड कार्यालयों में विशेष शिविर भी लगाए जा सकते हैं। आयोग पहले ही मतदाताओं के दस्तावेज तैयार करने में मदद करने के लिए वॉलंटियर तैनात करने की बात कह चुका है।
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