कानपुर ,यूपी। ओसीटी अर्थात ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी इमेजिंग की मदद से आज हृदय रोग संस्थान में एंजियोप्लास्टी हुई।
हृदय की धमनियों में रुकावट हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है ।यह रुकावट विभिन्न वजहों से आ जाती है जिसमें कि प्रमुख हैं हाई ब्लड प्रेशर,अनियंत्रित शुगर,गलत ख़ान-पान व अनियमित जीवन शैली ।हृदय की धमनियों के इस ब्लॉकेज का एंजियोग्राफी की जाँच द्वारा पता लगाया जाता है व ७० प्रतिशत से ज्यादा ब्लॉकेज को एंजियोप्लास्टी द्वारा ठीक किया जाता है । एंजियोप्लास्टी वो चिकित्सीय प्रणाली है जिसमें ब्लॉकेज को पहले बैलूनिंग द्वारा खोला जाता है फिर उसमें स्टेंट लगाकर ठीक किया जाता है ।
एंजियोप्लास्टी में समय के साथ -साथ तकनीकी विकास काफी तीव्र गति से हुआ है ।इसी कड़ी में इमेजिंग के माध्यम से सटीक एंजियोप्लास्टी आधुनिक समय में काफी तेजी से प्रचलित हुई है ।ओसीटी में इन्फ्रारेड लाइट के द्वारा एक कैथेटर के माध्यम से हृदय की धमनी के अंदर जाकर पूरी धमनी की फोटोग्राफी की जा सकती है ।इससे इस बात का सटीक पता चल जाता है कि धमनी के अंदर कितना थक्का जमा हुआ है?थक्के का प्रकार कैसा है? थक्के में कैल्शियम जमा है या नहीं? धमनी का कितना भाग बीमारी से ग्रसित है? ब्लॉक कितना बड़ा है?स्टेंट किस साइज और लम्बाई का लेना है? स्टेंट सही से धमनी से चिपका है अथवा नहीं? या फिर स्टेंट लगाते समय कोई धमनी में कट तो नहीं आया है? आज हृदय रोग संस्थान में इसी विधि की सहायता से कई रोगियों की एंजियोप्लास्टी चिकित्सकों की टीम द्वारा की गयी । वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डा अवधेश शर्मा ने बताया कि इस विधि द्वारा एंजियोप्लास्टी करने से इस ऑपरेशन की जटिलताओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है व भविष्य में होने वाले कॉम्प्लिकेशन्स को रोका जा सकता है । संस्थान के निदेशक डा राकेश वर्मा ने बताया कि इस विधि द्वारा एंजियोप्लास्टी अब संस्थान में सुगमता से उपलब्ध है ।चिकित्सीय टीम के सदस्यों डा उमेश्वर पांडे, डा एस के सिन्हा, डा एम एम राजी ने बताया कि यह तकनीकी हार्ट अटैक के उपचार में मील का पत्थर साबित होगी ।