
एटा। फतेहपुर जनपद में 2024 बैच के युवा लेखपाल सुधीर कुमार की आत्महत्या के बाद पूरे यूपी के राजस्व विभाग में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। इसी क्रम में एटा तहसील के लेखपालों ने 28 नवंबर को धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में मौजूद कर्मचारियों ने अधिकारियों की दबावपूर्ण कार्यप्रणाली, असंवेदनशीलता और मनमाने रवैये के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
लेखपालों के अनुसार, सुधीर कुमार की शादी 26 नवंबर 2025 को होनी थी। इस कारण वह छुट्टी मांग रहा था, लेकिन एसआईआर कार्य का हवाला देकर अधिकारियों ने छुट्टी देने से साफ मना कर दिया। 22 नवंबर को बैठक में अनुपस्थिति पर उसे तत्काल निलंबित कर दिया गया। 24 नवंबर को जब वह पुनः छुट्टी आवेदन देने पहुंचा तो उसे बताया गया कि वह पहले ही निलंबित है।
आरोप है कि 25 नवंबर की सुबह डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार सक्सेना के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक व स्टाफ उसके घर पहुंचा और कथित तौर पर कहा गया कि एसआईआर का कार्य पूरा करो या पैसे देकर किसी और से करा लो, वरना सेवा समाप्त कर दी जाएगी। लगातार मानसिक दबाव, शादी की चिंता और निलंबन की शर्मिंदगी के चलते सुधीर ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। यह घटना पूरे विभाग को हिला देने वाली साबित हुई है।
एटा में लेखपालों का फूटा गुस्सा—कार्य बहिष्कार की चेतावनी
धरना दे रहे लेखपालों का कहना है कि अधिकारियों द्वारा किसान पंजीकरण, एसआईआर और अन्य कार्यों में अत्यधिक दबाव डाला जा रहा है। वर्षों से लंबित मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि सुधीर की मौत सिस्टम की असंवेदनशीलता का परिणाम है।
मुख्य सचिव को पत्र—राजस्व कार्य ठप करने की चेतावनी
लेखपालों ने शासन को पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच और समाधान की मांग की है। चेतावनी दी गई कि यदि हालात नहीं सुधरे, तो पूरे प्रदेश में राजस्व कार्य बंद किया जा सकता है।
शादी की तैयारी में जुटा परिवार आज शोक में डूबा है, वहीं यह मौत प्रशासनिक दबाव और कार्य संस्कृति पर बड़े सवाल खड़े कर रही है—क्या सरकारी सिस्टम की कठोरता एक युवा जान की जिम्मेदार नहीं?










