
प्रयागराज : शंकरगढ़ ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में धांधली को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। ग्राम जोरवट, कपारी, नौढिया उपहार और पहाड़ी सहित कई गांवों में नियुक्तियों को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जिन अभ्यर्थियों की नियुक्ति दिखाई गई है, उन्हें गांव में कोई जानता तक नहीं।
इस मामले में जोरवट गांव के पूर्व प्रधान अरुण सिंह ने खुलकर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि दिनांक 14 जुलाई 2025 को नियुक्ति सूची सीडीपीओ कार्यालय शंकरगढ़ में चस्पा की गई थी। उसी दिन उन्होंने सीडीपीओ सुरेंद्र यादव से मौखिक रूप से जोरवट गांव में हुई गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसके बाद 15 जुलाई को जिलाधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, उपजिलाधिकारी तथा सीडीपीओ शंकरगढ़ को लिखित शिकायत दी गई।
उन्होंने बताया कि 14 जुलाई से अब तक सीडीपीओ से फोन पर लगभग आठ बार बात हुई है और उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों में छपी खबरों की कटिंग्स तथा संबंधित संदेश व्हाट्सएप के माध्यम से सीडीपीओ को भेजे हैं, जिन्हें उन्होंने seen भी किया है। इसके बावजूद, हाल ही में सीडीपीओ द्वारा मीडिया को यह बयान देना कि उन्हें जोरवट के मामले की कोई जानकारी नहीं है, न केवल निंदनीय है, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।
पूर्व प्रधान अरुण सिंह ने कहा कि फर्जी नियुक्ति का यह मामला केवल जोरवट तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है। उनका कहना है कि यह मुद्दा अन्य गांवों की फर्जी नियुक्तियों को भी उजागर कर सकता है और पात्र अभ्यर्थियों को न्याय मिल सकता है।
उल्लेखनीय है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद हेतु नवंबर 2024 में आवेदन प्रक्रिया संपन्न हुई थी, जिसके बाद 19 मार्च 2025 को काउंसलिंग कराई गई और 14 जुलाई को नियुक्ति सूची चस्पा की गई थी। अब इस सूची की पारदर्शिता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
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