आंगनवाड़ी भर्ती में DPO और चयन कमेटी के नाम पर हो रही थी वसूली, मुख्य सेविका के खिलाफ F.I.R. दर्ज

  • डीपीओ ने मुख्य सेविका के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर
  • डीपीओ और चयन कमेटी के दामन में लगे दाग, निष्पक्ष जांच की मांग
  • मुख्य सेविका ने सीडीपीओ अरविंद को रुपए देने की कही थी बात
  • जांच में एक कर्मी पर पूरा ढीगरा फोड़ने की तैयारी

भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर । जिले में चल रही आंगनवाड़ी की भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। भर्ती के नाम पर लाखों की अवैध वसूली का ऑडियो सामने आने के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी ने अपना दामन बचाने के लिए हसवा की मुख्य सेविका बाल विकास परियोजना हसवा के खिलाफ थरियांव थाने में एफआईआर पंजीकृत कराई है। जबकि ऑडियो में अधिकारियों के नाम पर ही वसूली हो रही थी अभी तक चयन कमेटी और जिला कार्यक्रम अधिकारी की जांच नहीं शुरू हुई है।

बता दें कि जिले में 353 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है। कई जगह रुपए लेकर गलत तरीके से भर्ती करने का आरोप लगा है जिनकी जांच डीएम के निर्देश पर चल रही है, वहीं हसवा की मुख्य सेविका विमला शर्मा और आंगनवाड़ी पद की आवेदनकर्ता अक्षिता के पति अरविंद तिवारी के बीच बातचीत का ऑडियो सामने आने के बाद पूरी भर्ती प्रक्रिया पर ही प्रश्नचिन्ह उठ रहा है।

वायरल ऑडियो में डीपीओ और चयन कमेटी के नाम पर वसूली हो रही है ऐसे में डीपीओ और चयन कमेटी भी जांच के घेरे में है हालांकि जिलाधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच पीडी शेषमणि सिंह व जिला विकास अधिकारी प्रमोद चंद्रोल को दी है जो भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रहे हैं। जबकि इस प्रकरण में डीपीओ साहब सिंह यादव ने अपने दामन को दागदार होने से बचाने के लिए मुख्य सेविका विमला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर पंजीकृत करा दी है।

वायरल ऑडियो की ढंग से जांच हुई तो नपेंगे कई अधिकारी

भ्रष्टाचार के वायरल ऑडियो में मुख्य सेविका विमला शर्मा अपने नहीं बल्कि सीडीपीओ, डीपीओ व चयन कमेटी के नाम पर रुपए लेने की बात कर रही है। उसने पैसा भी स्वयं नहीं बल्कि एक अधिकारी को देने के लिए बोला था। उसने सीडीपीओ अरविंद का मोबाइल नंबर देकर आवेदनकर्ता से कहा कि 75 में डील निश्चित हुई है तुम सर से बात भी कर लो। ऐसे में सीडीपीओ अरविंद की स्पष्ट संलिप्तता नज़र आ रही है जबकि डीपीओ और चयन कमेटी भी सवालों के घेरे में है।

ऑडियो में विमला शर्मा ने आवेदनकर्ता अक्षिता के पति अरविंद से कहा कि वैसे तो डेढ़ साल का मानदेय 1 लाख 55000 लिया जाता है लेकिन आप एक कर दीजिए। अरविंद ने कहा कि हम 50 कर पाएंगे, विमला ने कहा कि 25 और बढ़ा लो, 75 में डन करिए। सर से बोल दूं, कि बात हो गई है, अभी बात कराती हूं लाइन में लेकर उनसे। अरविंद ने कहा इतना बहुत ज्यादा है नहीं कर पाएंगे। विमला बहुत कम कर दिया बेटा, 25 साइड वाले साहब का, 25 डीडीओ का 25 डीपीओ का कर दीजिए। अभी सिर्फ 50 कर दीजिए, फाइल में पुड़िया जाएगी। नंबर नोट कर लो सर का, बता देना कि मैडम इतना बता रही हैं लेकिन इतना हो पाएगा, हमको दो मिनट के लिए बुरा बना देना। खेसहन की प्रियंका द्विवेदी कर गई हैं किसी के माध्यम से, उनको मत बताना। जहां गए थे वहीं जाकर दे आना। अरविंद बेटा उनका भी नाम अरविंद सिंह है। अभी उनका 50 करो जो पुड़िया बढ़नी है, बाद में 25 कर दे देना यहां का।

अरविंद ने कहा अरे बहुत ज्यादा है मैडम, कुछ कम करा लो। आप स्वयं पता कर लो, आपका तीसरा नंबर है, आपको जंप करा देंगे। मेरा भी इसी तरह हुआ था बेटा। मैं सर से क्या कहूं कि कब देंगे, आप स्वयं बात कर लो उनके नंबर में 9794, लास्ट में 222 है बाल विकास परियोजना अधिकारी अरविंद कुमार नाम है। उनसे यही कहिएगा की दया कर दीजिए सर, मैडम ने तो ज्यादा कहा था लेकिन हम इतना करने की स्थिति में नहीं है। मुंह की मांगी मौत नहीं मिलती बेटा अरविंद।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस बाबत जांच अधिकारी परियोजना निदेशक शेषमणि सिंह ने कहा कि ऑडियो के सभी बिंदुओं की अभी जांच चल रही है। जल्द ही जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी।

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