
पटना बिहार के चर्चित दुलारचंद यादव हत्याकांड में मोकामा से जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी और पूर्व विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। शनिवार देर रात पटना के सीनियर एसएसपी कार्तिकेय शर्मा भारी पुलिस बल के साथ मोकामा पहुंचे और अनंत सिंह को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह का एक्स पर एक पोस्ट वायरल हो गया जिसमें उन्होंने लिखा, सत्यमेव जयते। मुझे मोकामा की जनता पर पूर्ण भरोसा है। इसलिए चुनाव अब मोकामा की जनता लड़ेगी। यह पोस्ट उनके समर्थकों में जोश भर रहा है और सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।
अनंत सिंह शनिवार को पूरे दिन मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे थे। रात करीब पौने एक बजे पटना जिले के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा मोकामा, बाढ़, घोसवरी, हथीदह और भदौर थानों की पुलिस के साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बल की भारी टुकड़ी लेकर उनके घर पहुंचे। समर्थकों के अनुसार अनंत सिंह उस समय सो रहे थे। पुलिस ने दरवाजा खटखटाया, उन्हें जगाया और हत्या के मामले में गिरफ्तारी का वारंट दिखाकर साथ चलने को कहा। उन्हें तुरंत हिरासत में लेकर पटना ले जाया गया।पुलिस ने अनंत सिंह के अलावा उनके दो करीबी सहयोगियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया है। अनंत सिंह की गिरफ्तारी बाढ़ थाना क्षेत्र के बेढ़ना गांव से संबंधित मामले में हुई है। रात करीब दो बजे पटना में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह त्यागराजन और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीनों गिरफ्तारियों की पुष्टि की।
एसएसपी ने बताया कि 30 अक्टूबर को बाढ़ थाना क्षेत्र के खुशहालचक में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई और उनका शव बरामद किया गया। पुलिस ने मौके से साक्ष्य जुटाए, गवाहों के बयान दर्ज किए और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई सुराग मिले। सीआईडी की विशेष टीम जांच कर रही है। एसएसपी ने कहा कि साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अनंत सिंह की संलिप्तता पाई गई, जिसके बाद गिरफ्तारी हुई।अनंत सिंह की गिरफ्तारी से मोकामा विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। जदयू ने उन्हें टिकट दिया था लेकिन अब उनकी उम्मीदवारी पर संकट है। समर्थक इसे सियासी साजिश बता रहे हैं जबकि विपक्ष इसे कानून की जीत मान रहा है। अनंत सिंह का वायरल पोस्ट उनके जनाधार की ताकत दिखा रहा है। मोकामा की जनता अब देख रही है कि क्या वाकई जनता चुनाव लड़ेगी या कानून अपना काम करेगा।














