
लखनऊ। प्रदेश में स्कूली शिक्षा अब एक नए स्वरूप में दिखाई देगी। इस नई पहल के तहत बच्चों को नए प्रयोगों के साथ ही स्थानीय उद्योगों से भी परिचित कराया जाएगा। इसके तहत कक्षा 6, 7 और 8 के विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 10 बैगलेस दिवस अनिवार्य किए गए हैं।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) की ओर से तैयार ‘आनंदम मार्गदर्शिका’ के आधार पर सभी 75 जिलों के बीएसए को विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। इसका उद्देश्य बच्चों को आनंदपूर्ण, कौशल आधारित और अनुभवात्मक शिक्षा से जोड़ना है।
SCERT के निदेशक डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि SCERT ने इस कार्यक्रम के लिए विभिन्न गतिविधियों की एक सूची तैयार की है, जिन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्थानीय उद्योग-व्यवसाय, तथा कला-संस्कृति-इतिहास श्रेणियों में बांटा गया है। प्रत्येक गतिविधि में आवश्यकतानुसार कारीगर, शिल्पकार, विशेषज्ञ, अभिभावक और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए भी एक समावेशी योजना तैयार की गई है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने इसे नवाचार की नई राह बताते हुए कहा कि इससे बच्चों में रचनात्मकता, आत्मविश्वास और राष्ट्र की संस्कृति से गहरा जुड़ाव विकसित होगा।










