अमित शाह: अब विदेश में बैठे अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना होगा आसान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को भारतपोल पोर्टल को देश की अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए एक नए युग में जाने की शुरुआत बताते हुए कहा कि अब विदेश भाग चुके अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि देश की प्रत्येक एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस इंटरपोल से जुड़कर सटीक विश्लेषण और समन्वय से अपराधों से निपटने में सक्षम बनेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री दिल्ली के भारत मंडपम में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा विकसित भारतपोल पोर्टल का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दाैरान केंद्रीय गृह मंत्री ने 35 सीबीआई अधिकारियों, कर्मचारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया।

भारत में अपराध कर विदेश भाग जाने वाले अपराधियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कई सारे अपराधियों ने दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठकर भारत में अपराध को अंजाम दिया है या फिर अपराध करके विदेश में भाग गये हैं जिसके कारण वह हमारे कानून की पहुंच से बाहर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करके कानून की पहुंच से बाहर रहे विदेश में बैठे अपराधियों और भारत में अपराध करके विदेश भागे अपराधियों को भारतपोल के माध्यम से देश वापस लाना और उन पर कानूनी कार्रवाई करना आसान हो जाएगा। उन्हाेंने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में ट्रायल इन एसेंसिया (अनुपस्थिति में मुकदमा) का एक नया प्रावधान जोड़ा है। इसके माध्यम से एक न्यायिक प्रक्रिया के बाद इसको पूरा करके कोर्ट के आदेश के साथ उनकी अनुपस्थिति में इन पर ट्रायल चलाना सरल हो जाएगा। यदि उन्हें सजा मिलने पर विदेशों से भारत लाने में आसानी होगी।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि भारतपोल हमारे देश की अंतरराष्ट्रीय जांच को एक नए युग में ले जाने की शुरुआत है। अभी तक सीबीआई एकमात्र एजेंसी थी जो इंटरपोल के साथ काम करती थी, लेकिन अब भारतपोल के शुभारंभ के साथ प्रत्येक भारतीय एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस आसानी से इंटरपोल के साथ जुड़कर सटीक विश्लेषण और समन्वय से अपराधों से निपटने में सक्षम बनेगी। उन्होंने कहा कि हम अंतराल को पाटने और अपराध को नियंत्रित करने के लिए कुशलतापूर्वक काम करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि भारतपोल में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक की मदद से हम इस अंतर को पाट सकेंगे। हमें कई ऐसी जानकारियां मिल सकेंगी जो अंतरराष्ट्रीय अपराधों का विश्लेषण करने में मदद करेंगी और बदले में हमें अपराधों को होने से पहले ही रोकने के लिए एक ढांचा स्थापित करने में मदद करेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एजेंसी तो बाद में सीबीआई ही रहेगी लेकिन इस तकनीक के आधार पर खड़ी की गई व्यवस्था के माध्यम से ढेरी सारी दूरियों को मिटा पाएंगे, ढेर सारी सूचनाओं को हम प्राप्त कर पाएंगे। इस तरह से सटीकता के साथ अनेक प्रकार के दुनिया के क्राइम को विश्लेषण करके हमारे यहां क्राइम होने से पहले उसे रोकने की संरचना भी खड़ी कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि भारतपोल पोर्टल जांच एजेंसियों और हर राज्य की पुलिस को 195 देशों के इंटरपोल नेटवर्क से जोड़कर अपराध नियंत्रण में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा। साथ ही संवाद को सरल और प्रभावी बनाएगा। उन्होंने कहा कि भारतपोल पोर्टल के पांच प्रमुख मॉड्यूल हैं और यह सभी प्रवर्तन एजेंसियों को सहायता देंगे। उन्हाेंने कहा कि देश जब 2047 में आजादी की शताब्दी मनाएगा तब भारत हर क्षेत्र में सर्वप्रथम होगा और हम प्रत्येक क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर रहे होंगे। उन्होंने कहा कि इस संकल्प को सिद्ध करने के लिए कई पड़ाव हैं। उसमें 2027 तक भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया गया है। वहीं से एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनने का पहला कदम उठेगा।

गृह मंत्रालय के अनुसार भारतपोल पोर्टल, भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वास्तविक समय में सूचना साझा करने में सक्षम बनाएगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग तक तेजी से पहुंच संभव होगी। भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी-नई दिल्ली) के रूप में सीबीआई, कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित देश भर की विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर आपराधिक मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सुविधा प्रदान करती है। केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्तर पर, यह समन्वय इंटरपोल संपर्क अधिकारियों (आईएलओ) के माध्यम से किया जाता है, जो अपने-अपने संगठनों के भीतर पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और शाखा प्रमुखों के स्तर पर इकाई अधिकारियों (यूओ) से जुड़े होते हैं। वर्तमान में, सीबीआई, आईएलओ और यूओ के बीच संचार मुख्य रूप से पत्रों, ईमेल और फैक्स पर निर्भर करता है।

साइबर अपराध, वित्तीय अपराध, ऑनलाइन कट्टरपंथ, संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी आदि सहित अंतरराष्ट्रीय अपराधों के बढ़ते प्रभाव के कारण आपराधिक जांच में तेजी से और वास्तविक समय पर अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए सीबीआई ने भारतपोल पोर्टल विकसित किया है, जो इसकी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से सुलभ है, जो सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाएगा।

भारतपोल पोर्टल, इंटरपोल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहायता के लिए सभी अनुरोधों की प्रक्रिया को सरल बनाएगा, जिसमें रेड नोटिस और अन्य रंग-कोडित इंटरपोल नोटिस जारी करना शामिल है। भारतपोल पोर्टल, क्षेत्र-स्तरीय पुलिस अधिकारियों के लिए एक परिवर्तनकारी उपकरण बन जाएगा, जिससे अपराधों और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में उनकी दक्षता बढ़ेगी। अंतरराष्ट्रीय सहायता तक आसान और तेज़ पहुंच की सुविधा प्रदान करके, यह अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने में भारत के प्रयासों को मज़बूत करेगा।

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