H1-B Visa पर अमेरिका का आया जवाब, कहा- ये ‘वन टाइम पेमेंट’ है, पुराने वीजा होल्डर को दी राहत

H1-B Visa : अमेरिका की इस नई नीति ने भारत में भारी खलबली मचा दी है। विशेष रूप से, भारतीय प्रोफेशनल्स के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है, जिनके अमेरिका जाने का सपना अब खतरे में दिख रहा है। ट्रंप के इस कदम से आईआईटी और आईआईएम जैसे शीर्ष शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे युवा वर्ग की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं।

क्या पुराने वीजा धारकों को भी चुकानी होगी भारी फीस?

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए स्पष्ट किया है कि वर्तमान वीजा धारकों को यह नई फीस नहीं देनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत से अमेरिका आ रहे हैं, या वहां से वापस जा रहे हैं, उन्हें 100,000 डॉलर का शुल्क नहीं चुकाना पड़ेगा। यह शुल्क केवल नए H1-B वीजा धारकों के लिए है, मौजूदा धारकों पर लागू नहीं होगा।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने भी इस मामले में त्वरित कदम उठाते हुए अपने सभी मिशनों और केंद्रों को निर्देश दिया है कि वे अगले 24 घंटों में अमेरिका वापस जाने वाले भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करें।

विदेश मंत्रालय ने इस कदम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने अमेरिकी सरकार के नए नियम का संज्ञान लिया है। हमारे एक्सपर्ट इस पर अध्ययन कर रहे हैं और आगे की रणनीति तय करेंगे। मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस फैसले से भारत के टैलेंट और अमेरिकी कंपनियों दोनों पर प्रभाव पड़ेगा।

मानवीय परिणामों का आकलन जारी

विदेश मंत्रालय ने कहा कि H-1B वीजा में वृद्धि के मानवीय परिणाम हो सकते हैं, जैसे परिवारों को होने वाली परेशानियां। सरकार इस प्रभाव का अध्ययन कर रही है और अमेरिकी अधिकारियों से समाधान की उम्मीद भी जाहिर की है।

यह कदम भारतीय तकनीकी पेशेवरों और धन प्रेषण पर इसके संभावित प्रभावों को लेकर चिंताएं पैदा कर रहा है। सरकार और नीति निर्माता इस मुद्दे पर चर्चा और समाधान की दिशा में सक्रिय हैं।

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