देरी से पहुंची एम्बुलेंस, घर में प्रसव के बाद नवजात की मौत

पिसावां-सीतापुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत दो मासूम बच्चों की मौत से क्षेत्र में शोक की लहर है। एक ओर पहाड़ी गांव में एक नवजात शिशु की घर में ही प्रसव के बाद मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर अलीपुर गांव के 6 वर्षीय बालक राज की अचानक तबीयत बिगड़ने से मृत्यु हो गई। दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पहाड़ी गांव निवासी अनूप की पत्नी पुष्पा को बुधवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद गांव की आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी ने 102 एम्बुलेंस को सुबह 4रू02 बजे फोन किया। महोली से एम्बुलेंस आने की बात हुई, लेकिन वहां के चालक ने पिसावां की एम्बुलेंस भेजने को कहा। अंततः पिसावां की एम्बुलेंस सुबह 5 बजे गांव पहुंची, लेकिन तब तक घर में ही प्रसव हो चुका था। मां और नवजात को 6 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां स्टाफ नर्स प्रिया ने जांच कर शिशु को मृत घोषित कर दिया। पुष्पा का यह दूसरा बच्चा था।
एम्बुलेंस चालक विनय और एमटी महेश का कहना है कि उन्हें महोली से 4.50 बजे सूचना मिली और वे 5.16 बजे गांव पहुंच गए थे। अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार चौधरी ने बताया कि घर पर प्रसव नहीं होना चाहिए था और जच्चा को समय से स्वास्थ्य केंद्र लाना जरूरी था। मामले की जांच कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
वहीं, अलीपुर निवासी मनफूल के 6 वर्षीय बेटे राज की तबीयत रात में अचानक बिगड़ी, जिसे परिजन सुबह 4.56 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित किया। डॉ. चौधरी ने बताया कि बच्चे का इलाज संभवतः किसी निजी अस्पताल में चल रहा था, और उसे मृत अवस्था में लाया गया था। दोनों मामलों की जांच जारी है।

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