
अज़ब गज़ब। हाल ही में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक इलेक्ट्रॉनिक टैटू तैयार किया है, जो दिमाग की थकान को मापने में सक्षम है। यह टैटू परमानेंट नहीं होता, लेकिन इसे माथे पर लगाया जाता है और यह बेहद हल्का और आरामदायक है। खास बात यह है कि यह टैटू दिमाग की विद्युत गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है और यह जानने में मदद करता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना थका हुआ है।
कैसे करता है काम?
इस टैटू को टेक्सास यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर नान्शु लू के नेतृत्व में विकसित किया गया है। इसे इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी (EEG) और इलेक्ट्रोओकुलोग्राफी (EOG) जैसी तकनीकों से लैस किया गया है, जो न केवल मस्तिष्क की गतिविधि बल्कि आंखों की गति को भी ट्रैक करता है। इसका उद्देश्य यह समझना है कि काम के दौरान दिमाग कब थकने लगता है और व्यक्ति मानसिक रूप से कब कमजोर हो जाता है।
किनके लिए फायदेमंद?
यह तकनीक खासकर ट्रक ड्राइवरों, भारी मशीनों के ऑपरेटरों और ऐसे कर्मचारियों के लिए बेहद उपयोगी हो सकती है, जिनके काम में ध्यान केंद्रित रखना जरूरी होता है। लगातार काम करने से दिमाग थक जाता है, लेकिन इसका अहसास खुद व्यक्ति को नहीं हो पाता। यह टैटू समय रहते थकान का पता लगाकर कार्य दक्षता बनाए रखने में मदद कर सकता है।
क्या है इसकी लागत?
इस टैटू की लागत बेहद कम है।
- इसका बैटरी पैक और चिप लगभग 200 डॉलर (लगभग ₹17,000) में आता है।
- वहीं, इसके डिस्पोजेबल सेंसर की कीमत लगभग 20 डॉलर (लगभग ₹1,700) है।
जबकि पारंपरिक EEG उपकरणों की कीमत 15,000 डॉलर (लगभग ₹13 लाख) तक पहुंचती है, जो इसे आम उपयोग के लिए महंगा बनाता है।
मानसिक थकान की पहचान अब आसान
अब तक मानसिक थकान का आकलन करने के लिए NASA टास्क लोड इंडेक्स जैसे लंबे सर्वे का उपयोग होता था, जो व्यक्ति के स्वयं के अनुभव पर आधारित होता है और काफी समय लेता है। वहीं, यह नया इलेक्ट्रॉनिक टैटू बेहद तेज, सटीक और सस्ता विकल्प है।
प्रोफेसर लू का कहना है कि हर व्यक्ति का “गोल्डीलॉक्स ज़ोन”, यानी मानसिक संतुलन का स्तर अलग होता है। यह टैटू व्यक्ति को उस संतुलन तक पहुंचने में मदद कर सकता है, जिससे वह अपने काम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे सके।
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