
- निचलौल ब्लाक का मामला,होली के दिन मनरेगा मजदूरों की लगीं हाजिरी
- अवकाश के दिन आठ गांवों में 889 मनरेगा मजदूरों की लगी हाजिरी, जिम्मेदार बेखबर
- फर्जी हाजिरी का काला सच, जांच हो तो बेनकाब होंगे कई चेहरे
महराजगंज। जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) योजना में फर्जीवाड़ा थम नहीं रहा हैं। निचले स्तर पर की जा रही गड़बड़ी मनरेगा के नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) खोल रहा हैं। जिसमे अधिकारी मालामाल होने के लिए हर तरीका अपना रहे है। ताजा मामला निचलौल ब्लाक के आठ गांवों का है। जहां एक बार फिर से अवकाश दिवस होली को भी श्रमिकों का नियोजन दिखा दिया गया। मनरेगा योजना में होली को अवकाश तय किया गया है।
मनरेगा योजना में सख्ती के बाद भी फर्जी मजदूरों की हाजिरी लगाने वाले जिम्मेदार अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले मनरेगा आयुक्त की ओर से की गई जांच में कमियां मिलने पर ब्लॉक के जिम्मेदारों के खिलाफ सख्ती की गई थी। इसके बावजूद होली के दिन 14 मार्च को ब्लॉक क्षेत्र के आठ गांवों में जिम्मेदारों की ओर से कुल 889 मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगाई गई है। सूत्रों के मुताबिक पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
जिम्मेदार इस करतूत को अंजाम देने के लिए एक ही फोटो को कई मस्टररोल में अपलोड किए हैं। वहीं होली पर सार्वजनिक अवकाश के दिन मनरेगा पोर्टल पर मनरेगा मजदूरों की हाजिर देख हड़कंप मच गया है। जिसे लेकर लोगों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं।
निचलौल के इन गांवों में लगीं हाजिरी –
जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम ( मनरेगा) के नेशनल मोबाइल मांनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस)एप के माध्यम से हर दिन लगने वाली हाजिरी का पोल खोल रहा है। इसी कड़ी में 14 मार्च को सार्वजनिक अवकाश के दिन निचलौल ब्लॉक के अमड़ी गांव में 101, भेड़हारी में 219, करदह 107, ओढ़वलिया में 35, रामचंद्रही में 245, रुद्रौली में 10, सिधावे में 22 और टिकुलहिया में 150 सहित कुल 889 मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगाई गई है।
सरकारी धन का बन्दरबाद करने में नही छोड़ रहे कोई कसर –
गौरतलब हो कि निचलौल ब्लॉक के आठ गांवों में कुल 889 मनरेगा मजदूरों की हाजिरी दर्ज की गई, जबकि 14 मार्च को पूरे जिले में होली का सार्वजनिक अवकाश था। ऐसे में मजदूरों की गैरहाजिरी के बावजूद उपस्थिति दर्ज होना अनियमितता की ओर इशारा करता है।इस घटना ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को उनके कार्य दिवस के आधार पर भुगतान किया जाता है। इस तरह की अनियमितता से सरकारी धन के दुरुपयोग का खतरा बढ़ जाता है, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है।
क्या कहते है ब्लाक के जिम्मेदार एपीओ –
निचलौल ब्लाक के गांवों में अवकाश दिवस में मनरेगा में हाजिरी के सम्बन्ध दैनिक भास्कर ने एपीओ शिवेंद्र प्रताप सूर्यवंशी से पुरे मामले को लेकर बात करने पर बताया कि अभी हम रामेश्वरम धाम पर आए है आने के बाद जांच कर त्वरित कार्यवाही किया जाएगा।