
- डीएओ के ताबड़तोड़ कार्रवाई से मचा हड़कंप
- सीमावर्ती क्षेत्रों में कृषि विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी से दूकानदारों के होश उड़े
महराजगंज। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा की फरमान पर खरीफ के सीजन में खाद, बीज और खेती को लेकर कृषि विभाग सख्त हो गया है। उप कृषि निदेशक संजीव कुमार के दिशा-निर्देशन में जिला कृषि अधिकारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह की ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान जारी है। जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि खाद की कालाबाजारी करने वाले की खैर नहीं है। यदि दुकानदारी करनी है, तो गुणवत्ता पूर्ण खाद बेचनी होगी। शर्त यह भी है खाद वितरण रजिस्टर, स्टाक रजिस्टर मेंटेन जरूरी है। सूची बोर्ड पर खाद का मूल्य अंकित करना होगा। ऐसा न करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।निचलौल तहसील में नेपाल बार्डर से लगती भारत सीमा पर स्थित ग्राम लक्ष्मीपुर खुर्द का निरीक्षण किया गया। वहाँ बार्डर पर तैनात एसएसबी के जवानों से वार्ता कर उर्वरकों की आवाजाही के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। एसएसबी के जवानों ने बताया कि इस क्षेत्र में बार्डर पर निरंतर निगरानी की जा रही है, ताकि उर्वरकों की तस्करी न होने पाये। लक्ष्मीपुर खुर्द स्थित पुलिस की गश्त निरंतर जारी है। इस क्षेत्र से नेपाल की ओर जाने वाले हर पगडन्डी पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है, ताकि उर्वरकों की तस्करी न होने पाए। ठुठीबारी बार्डर क्षेत्र के दुकानों का निरीक्षण किया गया। ठुठीबारी में आकस्मिक छापे के दौरान स्टॉक व रेट बोर्ड न होने तथा स्टॉक व बिक्री रजिस्टर न प्रस्तुत करने के कारण मे० साहनी बीज भण्डार ठूंठीबारी, मे० गुप्ता बीज भण्डार ढूँठीबारी व मे० श्याम बीज भण्डार ठूंठीबारी को कारण बताओ नोटिस जारी कराया गया। निचलौल में छापे के दौरान मे० क्रय विक्रय सहकारी समिति, पिपरिया बरगदवा, मे० पवन ट्रेडर्स मण्डी रोड, मे० पाल इन्टर प्राइजेज मण्डी रोड, मे० बालाजी ट्रेडिंग कम्पनी मण्डी रोड व मे० हरी ट्रेडर्स आजाद नगर ने अपनी दुकान बन्द पाया गया।इन फर्मों का उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र निलम्बित किया गया। निरीक्षण के समय उर्वरक विक्रेताओं ने अपने दुकान के बाहर अपनी फर्म के नाम का साइन बोर्ड नही लगाया है, जिसके कारण निरीक्षण के समय काफी असुविधा हो रही है। जिला कृषि अधिकारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने जनपद के सभी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि वे अपनी दुकान के बाहर सहज दृश्य स्थान पर अपनी फर्म के नाम का साइन बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाना सुनिश्चित करें, जिस पर फर्म का नाम, प्रोपराइटर का नाम, पता व मोबाइल संख्या अनिवार्य रूप से अंकित हो। साथ ही सख्त चेतावनी के साथ सभी विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि वे निर्धारित मूल्य पर ही किसानों को उर्वरकों की बिक्री उनकी खतौनी,जोतबही के आधार पर पीओएस मशीन से करें। किसानों को कैशमेमों अवश्य दें। साथ ही मुख्य उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की जबर्दस्ती टैगिंग कदापि न करें। ध्यान रखें कि यदि किसी भी उर्वरक विक्रेता के द्वारा उपरोक्त निर्देशों का उल्लघंन किया जाता है तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 व आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत एफ०आई०आर० दर्ज कराते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिये वे स्वयं उत्तरदायी होंगे। उर्वरकों की कालाबाजारी / तस्करी करने वालों को कतई बख्शा नही जायेगा।