सुल्तानपुर जिले के गांवों का नौ थीमों पर होगा चहुमुंखी विकास

सुल्तानपुर। ‘‘मेरा तो कुछ और नहीं सिर्फ बल है मेरे सीने का, गिर-गिर कर जो सीख रहा हूं आनन्द है इसमें जीने का। हंस कर लहू पोंछता हूं, हर बार यही सोचता हूं, अगर गिरूं तो धरती हिल जाए, न गिरूं तो सब कुछ मिल जाए। गिरने से कभी डरा नहीं, हारा हूं कभी मरा नहीं।’’ इसी कविता की प्रेरणादायक चंद सार्थक लाइनों के प्रबल हामीकार जिले के विकास प्रमुख अंकुर कौशिक ने जिले के चहुमुंखी विकास का बीड़ा उठाया है। उनका मानना है कि जब गांव विकास की धुरी बनेंगे, तभी देश विकास के शिखर पर पहुंचेगा।

डायनामिक आईएएस अफसर एवं जिले के मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने जिले के गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए नौ थीमो ं(9 थीमों) गरीबी मुक्त गांव, स्वस्थ गांव, बाल हितैषी गांव, पर्याप्त जलयुक्त गांव, स्वच्छ एवं हरा-भरा गांव, आत्मनिर्भर एवं बुनियादी ढांचे वाला गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासन वाला गांव, महिला हितैषी गांव के आधार पर गांवों के विकास का खाका खींचना शुरू कर दिया है। दैनिक ‘भास्कर’ से हुई भेंटवार्ता में उन्होंने बताया कि हमारी मंशा और हमारा प्रयास यही है कि जिले भर की सभी ग्राम पंचायतें विकास की धुरी बनें और ग्राम पंचायतों के माध्यम से विकास कार्यों में जनसहभागिता सुनिश्चित हो।

उन्होंने कहा कि बिना जनसहयोग के विकास कार्य संभव नहीं है। गांवों में विकास कार्यों को गुणवत्तापूर्ण गति देने के लिए पंचायत सहायकों और बीसी सखी को भी प्रमुखता से जोड़ा जा रहा है। सीडीओ श्री कौशिक ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत ग्राम पंचायतों में महिला सुरक्षा और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए कार्य किया जा रहा है।

ग्राम सचिवालयों में आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रणाम पत्र जैसी सुविधाएं गांवों में मिलने लगी हैं। शुद्ध जल के लिए अमृत सरोवरों के आसपास वृक्षारोपण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वहां ग्राम पंचायतों की बैठकें होंगी। मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने कहा कि ग्राम सचिवालयों पर अब स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी ग्राम पंचायतों के आत्मनिर्भर बनाने की परिकल्पना की थी, जिसे जिले में साकार किया जाएगा।

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