हैवानियत की सारी हदें पार: दुष्कर्म के बाद नाबालिग किशोरी को पिलाया तेजाब, हुई मौत

मुरादाबाद । एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के बाद जबरन तेजाब पिलाने वाले आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यह मामला एक साल पुराना है, जिसमें किशोरी के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके बाद उसे तेजाब पिलाने की घटना को अंजाम दिया गया।

गुरुवार को मिली जानकारी के अनुसार, किशोरी की हाल ही में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई है, जिसके बाद पुलिस अब आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धाराएं भी बढ़ाने की योजना बना रही है। पीड़िता के द्वारा दुष्कर्म और तेजाब पिलाने की घटना के बारे में होश में आने के बाद ही परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

पुलिस ने मामले में अब तक दो भाइयों को गिरफ्तार किया है, जबकि महिला आरोपित फरार है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास किए हैं, लेकिन अभी तक उसे पकड़ नहीं पाई है। प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार पांचाल का कहना है कि महिला आरोपित की तलाश जारी है।

इस घटना ने समाज में दुष्कर्म और इसके बाद की घटनाओं के खिलाफ गहरी चिंता और आक्रोश पैदा किया है। इस घटना ने न केवल समाज को हिला दिया है, बल्कि यह न्याय व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहा है। किशोरी के साथ हुए अत्याचार के मामले में पुलिस की कार्रवाई में सुस्ती और लापरवाही की स्पष्ट झलक मिलती है। आरोपित महिला की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की ओर से शुरू में दबिश दी गई थी, लेकिन उसके बाद मामला ठंडा पड़ गया। यह गंभीर चिंता का विषय है कि एक ऐसे मामले में, जिसमें एक किशोरी की जान चली गई, पुलिस ने राहत देने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए।

पुलिस के मुताबिक, महिला आरोपित की तलाश जारी है और उसे गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि इतनी लंबी अवधि कैसे निकल गई, जबकि उसकी गिरफ्तारी आवश्यक थी। अब किशोरी की मृत्यु के बाद, सभी आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धाराएं बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार पांचाल ने बताया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके आने के बाद आरोपितों के खिलाफ और भी गंभीर धाराएं लगाई जा सकेंगी। यह स्थिति यह दर्शाती है कि समाज में इस प्रकार के अपराधों के प्रति सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। उम्मीद है कि कानून और व्यवस्था की एजेंसियाँ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही तरीके से करेंगी और न्याय सुनिश्चित करेंगी।

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