अखलाक लिंचिंग केस : कोर्ट ने खारिज की केस वापस लेने की अर्जी, कहा- ‘मामला आधारहीन है’

Greater Noida : उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के बिसहड़ा गांव में हुए अखलाक हत्याकांड के मामले में बड़ी अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। सेशन कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा केस वापस लेने की अर्जी को खारिज कर दिया है। यह फैसला उस समय आया है जब इस मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई।

अदालत का फैसला और पक्षों की स्थिति

मामले में जारचा कोतवाली क्षेत्र के बिसहड़ा गांव में हुई हत्या का मामला है। पिछली सप्ताह 18 दिसंबर को फास्ट-ट्रैक अदालत (एफटीसी) में इस मामले की सुनवाई हुई थी। अक्टूबर में, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अदालत में तर्क देते हुए कहा था कि यदि इस मामले को वापस लिया जाता है, तो सामाजिक सौहार्द कायम रहेगा। इस पर, अभियोजन पक्ष ने अर्जी दी थी कि मामला वापस लिया जाए।

हालांकि, अखलाक के परिवार और उनके स्वजन ने इस अर्जी का विरोध किया। उनका तर्क था कि यह मामला सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं है, बल्कि भीड़ द्वारा की गई हत्या का मामला है। वे इसे वापस लेने को समाज, न्याय और कानून के लिए खतरा मानते हैं।

अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद, अभियोजन पक्ष की केस वापसी की अर्जी को महत्वहीन और आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मामले में कोई भी ऐसी स्थिति नहीं है, जिससे केस वापस लेने की अनुमति दी जाए।

अखलाक हत्याकांड न केवल एक हत्या का मामला है, बल्कि समाज में धार्मिक और सामाजिक सौहार्द्र को लेकर भी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। इस घटना को लेकर पूरे देश में चर्चा जारी है। अदालत के इस फैसले से यह भी संकेत मिलता है कि न्यायपालिका इस तरह के मामलों में निष्पक्षता और कानून की सर्वोच्चता बनाए रखेगी।

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