
Akhilesh Yadav on Dhankhar : अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को उनके हाल-चाल जानने के लिए जाना चाहिए, लेकिन खबरें हैं कि कोई भी उन्हें सम्मानपूर्वक विदाई देने के लिए नहीं पहुंच रहा है। अगर कम से कम एक फेयरवेल पार्टी का आयोजन होता, तो हम सभी जाकर उन्हें धन्यवाद देते, चाय पीते और उनकी सेहत के बारे में पूछते। इससे उनका सम्मान भी होता।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य का हवाला दिया है, लेकिन मंगलवार भर चर्चा का विषय बना रहा। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए कि क्या यह इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से ही है या राजनीतिक वजहें भी हैं। इसी बीच, समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के नेताओं को उनका सम्मान करने के लिए एक विदाई समारोह का आयोजन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को उनके हाल-चाल जानने के लिए उनसे मिलना चाहिए, लेकिन सुनने में आया है कि कोई भी ऐसा करने को तैयार नहीं है। यदि ऐसा होता, तो हम सब भी जाते, उनसे मिलते, धन्यवाद देते और उनकी सेहत के बारे में पूछते। इससे उनका सम्मान भी होता।
इसके पहले, अखिलेश यादव ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि हमें पता चला है कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है, और इस पर हम क्या कह सकते हैं। वहीं, कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के बयान को लेकर सवाल किए जाने पर, अखिलेश ने कहा कि यदि धार्मिक चर्चा करनी हो तो अलग से बात करें।
मीडिया से बातचीत में, अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की सरकार हर अवसर पर अन्याय कर रही है और उसने चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी की है। उत्तर प्रदेश में उपचुनावों को लेकर उन्होंने आरोप लगाए कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि सभी मतदाता बूथ तक जाकर वोट डालें, लेकिन वर्तमान सरकार में ऐसा संभव नहीं हो रहा है। कहीं-कहीं तो मतदान प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पुलिस भी तैनात की जा रही है।
वहीं, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव मस्जिदों में बैठकें करते हैं और धार्मिक संस्थाओं का दुरुपयोग करते हैं, जिसे वे नई बात नहीं मानते। उन्होंने उन्हें “नमाजवादी” करार दिया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
पाठक ने यह भी कहा कि, “अखिलेश यादव को सत्ता में वापसी की कोई उम्मीद नहीं दिखती। अगर सपा सत्ता में आती है, तो प्रदेश में दंगे और हिंसा बढ़ सकती है।” उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार धर्मांतरण के रैकेट को तोड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है और इन तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूपी में धार्मिक और सांप्रदायिक मुद्दों को लेकर राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है। पाठक ने यह भी कहा कि, “हमारा उद्देश्य कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाना है, और हम अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। अगर सपा फिर से सत्ता में आती है, तो प्रदेश की एकता और शांति खतरे में पड़ सकती है।”