ड्रग्स केस में फंसे दिग्गज अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को 8 मार्च तक जेल भेज दिया गया है। उन्होंने सुबह ही मोहाली कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद कोर्ट परिसर में ही पंजाब पुलिस की SIT ने AIG बलराज सिंह की अगुवाई में उनसे करीब डेढ़ घंटे की पूछताछ की। अब थोड़ी देर में उनकी जमानत याचिका पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आगे सुनवाई होगी। हालांकि उनकी रेगुलर बेल की याचिका स्वीकार होती है या नहीं, इसको लेकर भी असमंजस बना हुआ है। इस मामले में एसआईटी की तरफ से मजीठिया की कस्टडी मांगने की तैयारी की गई है।
मजीठिया को सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत दी थी। जिसके बाद उनके कल सरेंडर करने की चर्चा थी लेकिन वकीलों से बातचीत के बाद वह आज सरेंडर करने आए हैं। इससे पहले कल मोहाली में पंजाब पुलिस की एसआईटी पूरा दिन इंतजार करती रही लेकिन मजीठिया सरेंडर करने नहीं आए।
मजीठिया के खिलाफ मोहाली की क्राइम ब्रांच में इंटरनेशनल ड्रग तस्करों के साथ साठगांठ के आरोप में केस दर्ज है। हालांकि अकाली दल का कहना है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक बदलाखोरी की वजह से यह केस दर्ज किया।
ट्रायल और हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत
बिक्रम मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद उन्होंने मोहाली कोर्ट में अग्रिम जमानत लगाई थी, हालांकि यह खारिज हो गई। इसके बाद वह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चले गए। वहां कुछ दिन की अंतरिम राहत के बाद उनकी याचिका खारिज हो गई। फिर वह सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए 23 फरवरी तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बिक्रम मजीठिया
माझा के अकाली दिग्गज बिक्रम मजीठिया इस बार पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू के खिलाफ अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ रहे हैं। पहले वह मजीठा सीट से उम्मीदवार थे। सिद्धू ने उन्हें अमृतसर ईस्ट से लड़ने को कहा तो वह वहां से भी चुनाव मैदान में आ गए। इसके बाद सिद्धू चैलेंज किया कि वह मजीठा सीट छोड़ें और एक ही सीट से चुनाव लड़े। मजीठिया ने वह शर्त भी कबूल कर ली और मजीठा से पत्नी गनीव कौर को उम्मीदवार बना सिर्फ अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ा है।