
Punjab News : शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की विजिलेंस रिमांड की मियाद पूरी होने के बाद उन्हें आज चंडीगढ़ की अदालत में पेश किया जाएगा। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने संभावित विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए पहले ही सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसी क्रम में रामपुरा फूल विधानसभा क्षेत्र से अकाली दल के नेता और पूर्व पंचायत मंत्री सिकंदर सिंह मलूका को पुलिस ने आज सुबह ही उनके गांव मलूका में नजरबंद कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस की आधा दर्जन से अधिक गाड़ियां उनके गांव पहुंचीं और मलूका को चंडीगढ़ जाने से रोक दिया।
मलूका ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे लोकतंत्र की घोर हत्या बताया है। उन्होंने कहा, “यह सरकार की खुली तानाशाही और नादिरशाही सोच का नतीजा है। हमें हमारा लोकतांत्रिक हक भी नहीं दिया जा रहा।”
गौरतलब है कि, मजीठिया की पिछली पेशी के दौरान भी, अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल समेत कई वरिष्ठ नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया था या फिर नजरबंद किया गया था।
पुलिस को आशंका है कि मलूका, जो अपने हलके में मजबूत जनाधार रखते हैं। बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ चंडीगढ़ की ओर कूच कर सकते हैं। इसी खतरे को देखते हुए, उन्हें पहले ही नजरबंद कर लिया गया है।