
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) नेता अजीत पवार की एक इफ्तार पार्टी में उपस्थिति और उनके बयान पर चर्चा की गई है। अजीत पवार ने इस इफ्तार पार्टी में कहा कि जो भी लोग मुस्लिम समुदाय के लोगों को डराने या सांप्रदायिक विवाद पैदा करने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी को कड़ी सजा दी जाएगी।
अजीत पवार ने समाज में एकता और सांप्रदायिक सद्भाव के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि त्योहारों का उद्देश्य लोगों को एक साथ लाना और समाज में भाईचारे को बढ़ावा देना है। अजीत पवार ने महाराष्ट्र के इतिहास के महान नेताओं जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बी.आर. अंबेडकर और ज्योतिबा फुले का उदाहरण देते हुए कहा कि इन नेताओं ने सभी धर्मों और जातियों के लोगों को एक साथ लाकर सामाजिक प्रगति की दिशा में काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपनी विविधता और एकता के लिए जाना जाता है और यह एकता को बनाए रखने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए।

इस कार्यक्रम में अन्य वरिष्ठ नेताओं की भी उपस्थिति थी, जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल थे।
इसके अलावा, एकनाथ शिंदे ने नागपुर में हुई हिंसा पर विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए खुद को छत्रपति संभाजी महाराज के समान बताया और विपक्ष पर सत्ता के लिए समझौता करने का आरोप लगाया।
इस घटनाक्रम से यह संदेश मिलता है कि महाराष्ट्र सरकार सांप्रदायिक सद्भाव और समाज में एकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी व्यक्ति को धार्मिक या साम्प्रदायिक भेदभाव फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।