अजय राय बोले…आगामी शिक्षक और स्नातक विधान परिषद की 11 सीटों पर पूरी ताकत से लड़ेगी कांग्रेस

  • वित्त विहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक शोषण के शिकार, पुरानी पेंशन लागू हो : डॉ. अमित कुमार

लखनऊ। यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि आगामी शिक्षक और स्नातक विधान परिषद की 11 सीटों पर कांग्रेस पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय, पूर्व मंत्री ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस मौके पर मुख्य रूप उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी शिक्षक प्रकोष्ठ के कोऑर्डिनेटर डॉ. अमित कुमार राय एवं को-कोऑर्डिनेटर प्रो. श्रवण कुमार गुप्ता, मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी, प्रदेश कांग्रेस ज्वाईनिंग प्रभारी नितिन शर्मा, कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के कोऑर्डिनेटर आसिफ रिज़वी रिंकू रहे।
प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि आज पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। विभिन्न समस्याओं को लेकर कहीं माध्यमिक शिक्षक धरना दे रहे हैं, तो कहीं डिग्री कॉलेज के शिक्षक। प्राथमिक शिक्षा विभाग में तो भ्रष्टाचार की अति ही हो गई है। वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों को न तो सम्मानजनक वेतन मिल पा रहा है और न ही उनकी सेवा सुरक्षित है। श्री राय ने बताया कि शिक्षकों की समस्याओं एवं संबंधित मुद्दों के समाधान हेतु संघर्ष करने के लिए एवं कांग्रेस शिक्षक प्रकोष्ठ को मजबूती प्रदान करने के लिए डॉ. अमित कुमार राय को शिक्षक प्रकोष्ठ का कोऑर्डिनेटर तथा प्रोफेसर श्रवण कुमार गुप्ता को को-कोऑर्डिनेटर बनाया गया है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि वित्त विहीन स्कूलों एवं कॉलेजों के शिक्षकों के भविष्य के प्रति कोई योजना वर्तमान योगी सरकार के पास नहीं है। माध्यमिक विद्यालय, डिग्री कॉलेज, प्राथमिक विद्यालय, मदरसा, संस्कृत पाठशालाओं के शिक्षकों की तमाम समस्याओं के निदान के लिए शिक्षक प्रकोष्ठ आंदोलन करेगा।


प्रदेश में शिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करते हुए अजय राय ने कहा कि वैसे तो शिक्षा का पूरा तंत्र ही भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है मगर एक बानगी के तौर पर मैं यहां प्राथमिक विद्यालयों में व्याप्त अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की कुछ तस्वीरें आपको दिखाता हूं। बरसात में विद्यालयों में भरा पानी, रोड पर पढ़ते बच्चे, जर्जर भवन, अजय राय ने कहा कि हम अपने नौनिहालों को रोज खतरों में डाल रहे हैं और यह सरकार है कि जिसके कान पर जूं नहीं रेंगती। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के शिक्षक भ्रष्टाचार से पीड़ित हैं।


उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी शिक्षक प्रकोष्ठ के नवनियुक्त कोऑर्डिनेटर डॉ. अमित कुमार राय ने कहा कि वित्त विहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक शोषण के शिकार हैं उन्हें न तो सम्मानजनक वेतन मिल रहा है और न ही उनकी सेवा सुरक्षित है। उन शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए इसके साथ ही वित्त विहीन डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को यूजीसी का वेतनमान दिया जाए। शिक्षकों एवं कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि पुरानी पेंशन को लागू किया जाए जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां पुरानी पेंशन लागू कर दी गई है।


डॉ. अमित राय ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पूर्व में जो सेवा सुरक्षा चयन बोर्ड के द्वारा दी गई थी उसे योगी सरकार ने धारा 18 तथा 21 को हटाकर समाप्त कर दिया है। तदर्थ शिक्षकों का भी विनियमितीकरण नहीं किया जा रहा है। एनपीएस में समय से ग्रांट नहीं भेजी जा रही है। नए शिक्षकों की भर्तियाँ न केवल माध्यमिक विद्यालयों में बल्कि मदरसा एवं संस्कृत पाठशालाओं में भी नहीं हो रही हैं। एनईपी के नाम पर सिर्फ केवल डिग्रियाँ बांटने का खेल चल रहा है।


डॉ राय ने कहा कि मदरसा में आलिम और फाजिल की डिग्रियाँ समाप्त कर दी गई हैं जिससे वहां के छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। आलिम और फाजिल डिग्रियों को ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय से मान्यता देने की मांग की जा रही है लेकिन सरकार इसमें लेटलतीफी कर रही है।
वर्तमान भाजपा सरकार हिन्दुवादी विचारों का ढोंग फैलाती है लेकिन संस्कृत विद्यालयों के उत्थान के लिए कोई कार्य नहीं करती है। वहां शिक्षकों का वेतनमान अन्य शिक्षकों से कम है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में संस्कृत विद्यालयों में भी भर्तियां नहीं हो रही हैं जिसके कारण संस्कृत पढ़ने वालों छात्र-छात्राओं की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। जहां सरकार को अन्य संस्कृत विद्यालयों को ग्रांट देना चाहिए वहां जो संस्कृत विद्यालय ग्रांट इन एड हैं वह भी अब बंद  होने की कगार पर पहुंच रहे हैं।
प्रेसवार्ता प्रदेश कांग्रेस शिक्षक प्रकोष्ठ के को-कोऑर्डिनेटर प्रो. श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा कि वर्तमान सरकार अनेक प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर रही है जो शिक्षा के अधिकार का खुला उल्लंघन है। वर्तमान सरकार पूरी तरीके से शिक्षा को निजी हाथों में सौंप देना चाहती है।


उन्होंने कहा कि 2018 के बाद प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। पंचायत चुनाव के लिए 6-6 महीनों के लिए शिक्षकों को बीएलओ बनाया जा रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि शिक्षकों से केवल पठन-पाठन कराया जाए। 69 हजार शिक्षक भर्ती में जो भ्रष्टाचार ओबीसी समाज के साथ किया गया वह अभी तक नहीं सुधारा गया। रोज अभ्यर्थी मंत्री आवास का घेराव कर रहे हैं।

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