
अज़ब गज़ब। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने समाज कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां ऐसे लोग पेंशन ले रहे थे, जिनकी मौत काफी पहले हो चुकी थी। जब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो अधिकारियों के भी होश उड़ गए।
पेंशन सूची में मृतक दर्ज, 1697 मामले पकड़े गए
समाज कल्याण विभाग द्वारा कराए गए सत्यापन में सामने आया कि 1697 मृतक व्यक्ति अब भी पेंशन योजना के लाभार्थियों में शामिल थे। यही नहीं, 12 अन्य लोगों को अपात्र पाए जाने पर भी पेंशन जारी की जा रही थी। कुल मिलाकर 1709 फर्जी नाम इस योजना का लाभ उठा रहे थे।
विभाग ने शुरू की वसूली
जांच रिपोर्ट मिलते ही जिला समाज कल्याण अधिकारी रंजना सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन सभी से पेंशन की रिकवरी शुरू करा दी है। उन्होंने बताया कि,
“सभी लाभार्थियों का डेटा जांच के लिए भेजा गया था, जिसमें यह गड़बड़ी सामने आई। हम दोषियों से वसूली की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं और आगे सख्त निगरानी जारी रहेगी।”
कुल लाभार्थी थे 52,300
जिले में कुल 52,300 लोग पेंशन योजना के अंतर्गत रजिस्टर्ड थे, जिनमें से 1709 नाम फर्जी पाए गए। यह आंकड़ा लगभग 3.2% लाभार्थियों में गड़बड़ी की पुष्टि करता है, जो एक बड़ी चूक मानी जा रही है।
हर तीन महीने होगा सत्यापन
बुलंदशहर की सीडीओ निशा ग्रेवाल ने बताया कि इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए विभाग की ओर से हर तीन महीने में लाभार्थियों का सत्यापन कराया जा रहा है। इस सख्ती का ही नतीजा है कि इतने बड़े घोटाले का खुलासा संभव हो पाया।