Ajab-Gajab : ये हैं दुनिया की सबसे खतरनाक जनजातियां…इंसानों की हत्या करना मानते हैं मर्दानगी

दुनिया में कई खतरनाक और रहस्यमयी जनजातियां पाई जाती हैं, जो अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों और खास तरीके से जीवन जीने के कारण प्रसिद्ध हैं। ये जनजातियां न केवल अपनी अनूठी सांस्कृतिक पहचान के लिए जानी जाती हैं, बल्कि इनकी हिंसक और रहस्यमयी गतिविधियां भी अक्सर दुनिया भर में चर्चा का विषय बनती हैं। इन जनजातियों के बारे में बहुत से लोग जानते हैं, लेकिन इनमें से कुछ जनजातियां अपनी खतरनाक परंपराओं और हथियारों के कारण बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुई हैं। ऐसे जनजातियों में से एक इथियोपिया की मुर्सी जनजाति है, जिसे दुनिया की सबसे खतरनाक जनजातियों में गिना जाता है।

मुर्सी जनजाति: एक खतरनाक संस्कृति

मुर्सी जनजाति इथियोपिया के दक्षिणी हिस्से और सूडान की सीमा से लगे ओमान घाटी क्षेत्र में बसी हुई है। ये लोग अपने हिंसक व्यवहार और असामान्य परंपराओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। मुर्सी जनजाति के लोग अपनी जमीन और संस्कृति की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, और यहां तक कि यदि कोई अनजान व्यक्ति उनके क्षेत्र में घुसता है, तो वे उसे तुरंत मार डालते हैं। इस जनजाति में हत्या को एक मर्दानगी का प्रतीक माना जाता है। वे इसे अपनी ताकत और असली पुरुषत्व के रूप में देखते हैं।

मुर्सी जनजाति के पास ऐसे खतरनाक हथियार होते हैं, जिनसे वे किसी भी समय और पल में किसी की जान ले सकते हैं। उनके हथियारों में लकड़ी की छड़ें, बांस की लाठियां, कांटे वाली लाठियां और छोटे-छोटे धारदार चाकू शामिल होते हैं। इनके अलावा, इनकी जनजाति के लोग कुछ अत्यधिक खतरनाक शिकार के हथियार भी रखते हैं, जिन्हें वे युद्ध और आत्मरक्षा में उपयोग करते हैं।

मुर्सी महिलाओं की अनूठी बॉडी मॉडिफिकेशन प्रथा

मुर्सी जनजाति की महिलाओं के बारे में एक अजीब और विचित्र परंपरा है, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। मुर्सी महिलाएं अपने निचले होंठ में बड़े-बड़े लकड़ी या मिट्टी के डिस्क पहनती हैं। यह एक बॉडी मॉडिफिकेशन प्रक्रिया है, जो उनके समुदाय की विशेष पहचान मानी जाती है। महिलाएं यह डिस्क तब पहनती हैं जब उनकी उम्र लगभग 15 साल के आसपास होती है। इस प्रक्रिया के दौरान महिला के होंठ को चीर कर उसमें एक छोटे से लकड़ी का डिस्क लगाया जाता है, और जैसे-जैसे समय बीतता है, वह डिस्क बड़ा और बड़ा होता जाता है।

यह परंपरा महिलाओं की सुंदरता को कम करने के उद्देश्य से नहीं की जाती, बल्कि यह उनका विश्वास है कि यह डिस्क उन्हें बुरी नजर से बचाता है और उनके इलाके में विदेशी आक्रमणकारियों से उनकी सुरक्षा करता है। इसके अलावा, यह महिलाओं को एक विशेष सामाजिक स्थिति भी प्रदान करता है, जो यह दिखाता है कि वह जनजाति की एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं।

मुर्सी जनजाति का हिंसक व्यवहार और उसका कारण

मुर्सी जनजाति के लोग अपनी जमीन की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, और यह हिंसा उनके लिए एक सामान्य तरीका है। जनजाति के लोग मानते हैं कि यदि वे किसी अन्य को मारते हैं तो यह उनकी ताकत और साहस का प्रतीक है। उनका यह मानना है कि किसी दूसरे को मारे बिना जिंदा रहना कोई मायने नहीं रखता। वे इसे अपनी एकमात्र अस्तित्व की पुष्टि मानते हैं। यही कारण है कि मुर्सी जनजाति के लोग बहुत ही खतरनाक माने जाते हैं।

जनजाति के सदस्य हिंसक लड़ाईयों में हिस्सा लेते हैं और किसी भी बाहरी व्यक्ति को उनकी सीमा में घुसने की अनुमति नहीं देते। उनके अनुसार, अगर कोई बिना अनुमति के उनके इलाके में घुसता है, तो उन्हें मार डालना ही सबसे उचित कदम है। यह उनकी अपनी संस्कृति का हिस्सा है, जो पूरी दुनिया के लिए एक डरावना सच बन गया है।

सरकारी बैन और सुरक्षा घेरा

मुर्सी जनजाति की हिंसक प्रकृति और आतंक की वजह से इथियोपिया सरकार ने उनके क्षेत्र में बाहरी लोगों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। अगर कोई विदेशी व्यक्ति या सरकारी मेहमान मुर्सी जनजाति को देखने का इच्छुक होता है, तो इथियोपिया सरकार उसे सुरक्षा घेरे में रखने का निर्देश देती है। इसके तहत सुरक्षा बलों के साथ एक आर्म्ड गार्ड को जनजाति के क्षेत्र में घुसने की अनुमति दी जाती है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि विदेशी मेहमानों पर किसी प्रकार का हमला न हो, क्योंकि मुर्सी जनजाति के लोग बाहरी लोगों को खतरा मानते हैं और उनकी तरफ से किसी भी समय आक्रमण हो सकता है।

मुर्सी जनजाति की संस्कृति और उनका अस्तित्व

मुर्सी जनजाति की आबादी लगभग 10,000 के आसपास मानी जाती है, और वे आज भी अपनी पुरानी परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। उनका विश्वास है कि उनकी संस्कृति और उनकी परंपराएं ही उनका अस्तित्व हैं, और इसलिए वे बाहरी दुनिया से पूरी तरह से कटकर रहते हैं। मुर्सी जनजाति का जीवन बहुत कठोर है, और वे अपनी धरती को अपनी मां की तरह मानते हैं, जिसे वे किसी भी हाल में नुकसान नहीं पहुंचने देना चाहते।

इस जनजाति की हिंसक संस्कृति और परंपराओं के कारण ही यह पूरी दुनिया में एक खतरनाक जनजाति के रूप में प्रसिद्ध है। हालांकि, यह जनजाति अब भी अपने आदिम जीवनशैली में जी रही है, जो आज की दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती और रहस्यमय अनुभव बन चुकी है।

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