
नई दिल्ली। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के हालिया बयान ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक ट्रेलर था और यदि भारत को मौका दिया गया तो वह पाकिस्तान को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इस बयान के बाद पाकिस्तान में चिंता और बेचैनी बढ़ गई है, और वहां की सेना एवं राजनीतिक माहौल में सुरक्षा को लेकर हलचल तेज हो गई है। पाकिस्तान को फिर से एयरस्ट्राइक जैसी कार्रवाई का डर सताने लगा है।
दूसरी तरफ, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के इस बयान के बाद कहा है कि भारत कभी भी बॉर्डर पार हमला कर सकता है, और पाकिस्तान इस संभावना को नजरअंदाज नहीं कर सकता। उन्होंने दावा किया कि भारतीय सेना सीमा पार कार्रवाई कर भारत पाकिस्तान पर दबाव बनाने का प्रयास कर सकता है। आसिफ ने यह भी आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान पर दबाव डालने के लिए घुसपैठ और सीमा पार हमले कर सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान से होने वाली घुसपैठ का भी इस्तेमाल कर सकता है, और इन हरकतों को कई देश – जैसे सऊदी अरब, यूएई, ईरान, और चीन-पाकिस्तान – भी रोकने की कोशिश कर रहे हैं। अफगानिस्तान पर टिप्पणी करते हुए, आसिफ ने कहा कि काबुल आतंकवादियों का अड्डा बन चुका है, और भारत की भूमिका यहाँ संदिग्ध है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बयान ने पाकिस्तान में चिंता की लहर दौड़ा दी है। उन्होंने कहा था, “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक ट्रेलर था और यह 88 घंटे में खत्म हो गया। यदि पाकिस्तान हमें मौका देता है, तो हम उसे सिखाएंगे कि जिम्मेदार राष्ट्र अपने पड़ोसियों से कैसे व्यवहार करता है।” इस बयान को पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा की चिंता का कारण माना है और संभावित सैन्य कार्रवाई का संकेत समझा है।
पाकिस्तान में भारत के प्रति भरोसे का माहौल कमजोर हो रहा है। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान दो मोर्चों पर फंसा हो सकता है—भारत और अफगानिस्तान। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि भारत सीमा पार हमला कर सकता है, और पाकिस्तान इस स्थिति में युद्ध से बचने के बजाय अपने हितों की रक्षा के लिए कदम उठाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अब भारत पर भरोसा नहीं कर सकता। मिडिल ईस्ट से संबंधित मुद्दों पर बात करते हुए, आसिफ ने गाजा पर अंतरराष्ट्रीय बलों में पाकिस्तान की भागीदारी की बात कही, और स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अब्राहम समझौते में शामिल नहीं होगा।
वहीं, पाकिस्तान के अंदर से ही आवाजें उठने लगी हैं। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने उच्चस्तरीय राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रांत में ‘फर्जी आतंकवादी हमले’ कराए जा रहे हैं, जिनका मकसद केंद्र सरकार को फायदा पहुंचाना है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अफरीदी ने कहा कि इस्लामाबाद जानबूझकर खैबर इलाके में शांति प्रयासों में बाधा डाल रहा है और राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद का सहारा ले रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की संघीय व्यवस्था में मौजूद कुछ ताकतवर गुट क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के खिलाफ हैं। अफरीदी ने कहा कि पश्तून तहफुज आंदोलन के सदस्यों का अपहरण भी इसी साजिश का हिस्सा है, ताकि अफगानिस्तान के साथ चल रहे शांति प्रयास बाधित हो सकें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आतंकवाद मनगढ़ंत है, और ये गतिविधियां जनता की इच्छा के विरुद्ध हैं। अफरीदी ने कहा कि जो भी क्षेत्र की शांति भंग करेगा, वह जनता का दुश्मन है और उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। इन सभी घटनाक्रमों से पाकिस्तान की राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति में नई जटिलताएं पैदा हो गई हैं, और देश के भीतर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
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